अमृतसर,6 मई :पंजाब के डीजीपी गौरव यादव को केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल (कैट) से बड़ी राहत मिली है। राज्य के सीनियर आईपीएस अधिकारी और डीजीपी रह चुके वीके भावरा द्वारा उनकी डीजीपी पद पर की गई तैनाती के खिलाफ दायर की गई याचिका को कैट ने खारिज कर दिया है। जल्दी ही इस बारे में डिटेल आर्डर आएगा।
ऐसे शुरू हुआ था यह विवाद
यह विवाद उस समय शुरू हुआ था, जब राज्य सरकार ने 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी वीके भावरा की जगह गौरव यादव को डीजीपी के पद तैनाती दे दी थी। इसके बाद उनकी तरफ से कैट में याचिका लगाई गई थी। इसमें उन्होंने कहा था कि डीजीपी बनाने के लिए यूपीएसई के नियम तोड़े गए हैं। नियमों का सही तरीके से पालन नहीं हुआ है। करीब एक साल से यह मामला कैट में चल रहा था।
इन लोगों को बनाया गया था पार्टी
याचिका में वीके भावरा ने केंद्रीय गृह मंत्रालय, पंजाब सरकार और यूपीएससी को पार्टी बनाया था। उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि काफी लंबे समय से गौरव यादव को इस पद पर तैनात किया हुआ है। जबकि नियमों के मुताबिक इसके लिए न तो यूपीएससी को अफसरों का पैनल भेजा गया है और न ही गौरव यादव की नियुक्ति पैनल के आधार पर हुई है। उन्होंने गौरव यादव की वरिष्ठता पर भी सवाल उठाया था। गौरव यादव 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्होंने कहा कि गौरव यादव से ज्यादा सीनियर अधिकारी मौजूद है।
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