खुले बोरवेल बच्चों की सुरक्षा और जल प्रदूषण के लिए बड़ा खतरा
अमृतसर,8 मई : खुले बोरवेल बच्चों की सुरक्षा और भूजल के प्रदूषण का कारण हैं, इसलिए किसी भी स्थिति में गांवों या शहरों को इन बोरवेलों को खुला नहीं छोड़ना चाहिए। डिप्टी कमिश्नर घनशाम थोरी ने नगर निगम कमिश्नर, समूह एसडीएम, डीडीपीओ, पंजाब राज्य बिजली निगम, मुख्य कृषि अधिकारी, जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग को निर्देश जारी किए हैं और लिखा है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी विशेष निर्देश जारी किए हैं। 6 अगस्त 2010 के अपने आदेश में इस संबंध में कहा गया है, जिसका पालन किया जाना चाहिए। डीसी ने निर्देश दिए कि लोगों और किसानों को इन खुले बोरवेलों के खतरों के बारे में जागरूक किया जाए ताकि वे अपने बोरवेलों को खुला न छोड़ें।उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग को ऐसे बोरवेलों की पहचान के लिए क्षेत्रीय स्तर पर प्रयास करना चाहिए।
किसान अपने खेतों में कोई भी बोरवेल खुला न छोड़ें
डीसी ने पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए लिखा कि किसान अपने खेतों में कोई भी बोरवेल खुला न छोड़ें। इसके अलावा ग्राम पंचायतों के सदस्यों और पंचायत सचिवों को गांवों में ऐसे खुले बोरवेलों को तुरंत बंद कराना चाहिए। उन्होंने पंजाब जल संसाधन एवं विकास निगम, पंजाब ग्रामीण जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि उनकी योजनाओं के बोरवेल खुले न रहें और डी.एस.पी साथ ही क्षेत्र में संयुक्त रूप से विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया।उन्होंने कहा कि यदि किसी जमीन मालिक द्वारा खोला गया बोरवेल एक माह के अंदर बंद नहीं किया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाये। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि खुले बोरवेल के कारण कोई दुर्घटना होती है तो संबंधित भूमि मालिक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई और जुर्माना लगाया जाएगा।
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