जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा एमसीएमसी सेंटर का किया दौरा

अमृतसर, 21 मई : चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के समाचार पत्रों में विज्ञापन के रूप में प्रकाशित एकतरफा कवरेज वाली खबरें, भारतीय प्रेस परिषद द्वारा परिभाषित पेड न्यूज की श्रेणी में आती हैं, जिसके लिए चुनाव आयोग ने दिशानिर्देश जारी किए हैं, इसका खर्च प्रत्याशी के खाते में डाला जा रहा है।ये बातें व्यक्त करते हुए लोकसभा क्षेत्र अमृतसर के रिटर्निंग ऑफिसर एवं जिला चुनाव अधिकारी घनशाम थोरी ने मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मॉनिटरिंग सेंटर का दौरा किया। उन्होंने कहा कि जिन समाचार पत्रों में कुछ चयनित उम्मीदवारों को विशिष्ट स्थान देकर पदोन्नत किया जायेगा, उन्हें पेड न्यूज माना जायेगा।
खबरों की कीमत उस अखबार की विज्ञापन दर के अनुसार उम्मीदवार के खाते में दर्ज की जाएगी

घनश्याम थोरी कहा कि ऐसी खबरों के साइज की कीमत उस अखबार की विज्ञापन दर के अनुसार उम्मीदवार के खाते में दर्ज की जाएगी। उन्होंने सभी प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसी खबरों से बचना चाहिए।इस संबंध में चुनाव आयोग ने भी लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में संशोधन कर दो साल की सजा के प्रावधान की सिफारिश की है। उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों, टेलीविजन और सोशल मीडिया में प्रकाशित खबरों की सतत निगरानी के लिए जिला स्तरीय एमसीएमसी (मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी) का गठन किया गया है, जो सभी मीडिया पर नजर रख रही है। यह समिति पेड न्यूज और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाली खबरों के संबंध में उम्मीदवार को नोटिस जारी करने के लिए बाध्य है। पेड न्यूज के संबंध में जिला स्तरीय एमसीएमसी द्वारा लिए गए निर्णय के खिलाफ उम्मीदवार 48 घंटे के भीतर राज्य स्तरीय एमसीएमसी में अपील कर सकता है और राज्य स्तरीय एमसीएमसी के खिलाफ मुख्य चुनाव आयोग में जा सकता है, जिसका निर्णय अंतिम होगा।
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