इस बार धान की पराली जलाने की इजाजत नहीं दी जायेगी: डिप्टी कमिश्नर
अमृतसर,7 अगस्त :आगामी धान की कटाई के सीजन को ध्यान में रखते हुए डिप्टी कमिश्नर घनशाम थोरी ने धान की पराली को बचाने के लिए खेतों से धान की पराली इकट्ठा करने वाले उद्योगपतियों और बेलर्स के मालिकों के साथ आमने-सामने बैठक की ताकि दोनों पक्ष धान की पराली का उचित निपटान कर सकें। इस मौसम में भूसे का उपयोग किया जा सकता है। थोरी ने कहा कि पंजाब सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों के तहत पराली प्रबंधन को प्राथमिकता के तौर पर ले रही है और इस बार भी किसानों को बड़ी संख्या में पराली संभालने वाली मशीनें सब्सिडी पर दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अगर इस बचाए गए पराली को हमारे औद्योगिक ईंधन या किसी अन्य रूप में उपयोग के लिए लाया जाए तो सरकारी पहल का लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
आपसी तालमेल की कमी के कारण वर्तमान में पराली का उचित प्रबंधन नहीं हो पा रहा
डीसी ने कहा कि हमारे पास एक बड़ा उद्योग है, बेलर भी हैं, लेकिन फिर भी आपसी तालमेल की कमी के कारण वर्तमान में पराली का उचित प्रबंधन नहीं हो पा रहा है. इसलिए आज दोनों पक्षों को आमने-सामने लाकर पराली प्रबंधन के मुद्दे पर सीधी चर्चा की गई है. उन्होंने सख्त शब्दों में कहा कि आगामी धान के सीजन में किसी भी किसान को पराली जलाने की इजाजत नहीं दी जाएगी लेकिन बेलर या सुपर सीडर जैसी मशीनें हमारे पास उपलब्ध रहेंगी. जिसका उपयोग कर किसान पराली की देखभाल कर सकेंगे। उन्होंने उद्योगपतियों को ईंधन के रूप में पराली का उपयोग करने के लिए अपने स्वयं के संयंत्र स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया ताकि इस मुफ्त ईंधन का उपयोग किया जा सके। इस मौके पर उद्योगपतियों ने अपने द्वारा लगाए जा रहे प्लांटों की जानकारी डिप्टी कमिश्नर के साथ साझा की और कहा कि भविष्य में वे पराली का उपयोग करने के लिए बड़े पैमाने पर अलग-अलग प्लांट लगा रहे हैं ताकि इसका उपयोग ऊर्जा उत्पादन में किया जा सके। इस अवसर पर उपस्थित बेलर मालिकों ने अमृतसर जिले में काम करने का आश्वासन भी दिया जहां धान की कटाई सबसे पहले शुरू होती है। बैठक में उपस्थित कुछ किसानों ने भी अपनी सलाह देते हुए कहा कि कई किसानों ने सुपर सीडर की मदद से खेतों में पुआल जोत लिया है या गेहूं की बुआई कर ली है, इससे एक तो उन्हें अधिक उपज मिली है, वहीं दूसरी ओर उनका खर्च भी कम हो गया है. जिससे किसानों को अधिक मुनाफा हुआ है. इस अवसर पर श्रीमती सोनम, मुख्य कृषि अधिकारी तजिंदर सिंह, एक्सियन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सुखदेव सिंह, उद्योगपति कमल डालमिया, राणा शुगर मिल के मुख्य अधिकारी, ओसीएम मिल और अन्य प्रतिष्ठानों के मालिक और प्रबंधक उपस्थित थे।
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