अमृतसर, 30 सितंबर : पराली जलाने से रोकने के लिए डिप्टी कमिश्नर अमृतसर साक्षी साहनी द्वारा दिन-रात किए जा रहे प्रयासों के परिणामस्वरूप इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में आग लगने के लगभग 100 कम मामले सामने आए हैं। यह व्यक्त करते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक्सियन सुखदेव सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष 30 सितंबर तक पराली जलाने के 174 मामले थे, जबकि इस वर्ष सेटेलाइट द्वारा केवल 71 मामले ही रिपोर्ट किए गए हैं, जिनमें से सभी स्थानों पर हमारे नोडल अधिकारियों ने पहुंचकर जांच की।
अब तक किसानों पर 92500 का जुर्माना लगाया जा चुका
जिनमें से 36 स्थानों पर आग लगी पाई गई और इन किसानों पर 92 हजार 500 रुपए का जुर्माना लगाया गया। उन्होंने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस साल जुर्माना वसूली भी तेज है और अब तक किसानों से 80 हजार रुपये जुर्माना वसूला जा चुका है। सुखदेव सिंह ने कहा कि अब तक आग लगाने वाले किसानों के भूमि रिकॉर्ड में 28 लाल प्रविष्टियाँ की गई हैं। गौरतलब है कि पराली जलाने से रोकने के लिए डीसी साक्षी साहनी लगातार अधिकारियों के साथ बैठकें कर रही हैं और कल वह जिला पुलिस प्रमुख के साथ कई गांवों का दौरा कर खेतों तक पहुंचीं, जिसके सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं। आज भी मुख्यालय में बैठक के लिए पहुंचे एसडीएम, तहसीलदार और अन्य अधिकारियों को डीसी ने तुरंत काम से मुक्त कर दिया और खेतों में जाकर पराली में लगने वाली आग को रोकने का निर्देश दिया। उनकी इस सख्त निगरानी का ही परिणाम है कि ग्राम स्तर पर नियुक्त नोडल अधिकारी जब भी आग लगने की शिकायत मिलती है तो वे मौके पर पहुंचकर कार्रवाई करते हैं और किसानों को समझाते हैं। इसके अलावा हर गांव में गुरुद्वारा साहिबों से लगातार अनाउंसमेंट करवाकर किसानों को पराली न जलाने का मौका दिया जा रहा है।
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