अमृतसर, 2 दिसंबर:श्री अकाल तख्त साहिब में जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह की अध्यक्षता में पांच सिख साहिबानों की बैठक हुई। बैठक में शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर बादल के साथ 2007-2017 के दौरान उनकी सरकार में रहे मंत्रियों, पूर्व जत्थेदार, 2015 की शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की कार्यकारिणी के सदस्यों और मौजूदा अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी को बुलाया गया था।अकाली दल की सरकार में हुईं गलतियां सुखबीर बादल और उनके मंत्रियों की ओर से माने जाने पर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सजा सुनाते हुए कहा कि उन्हें शौचायलों की एक घंटा सफाई के अलावा लंगर की सेवा करना होगा। सभी दोषी गले में पटियां डालकर सेवा करेंगे। इसके बाद 2 दिन श्री केशगढ़ साहिब, 2 दिन श्री दमदमा साहिब तलवंडी साबो,2 दिन श्री मुक्तसर साहिब और 2 दिन श्री फतेहगढ़ साहिब में सेवादारों वाला चोला पहनकर हाथ में बरछा लेकर ड्यूटी करेंगे। जत्थेदार ने कहा कि सुखबीर सिंह बादल इन साहिबों में ड्यूटी के बाद एक-एक घंटा लंगर घर में जाकर संगत के जूठे बर्तन साफ करेंगे। साथ ही एक घंटा बैठकर कीर्तन सुनना होगा और श्री सुखमणि साहिब का पाठ करना होगा। रघबीर ने कहा कि पूर्व सीएम स्वर्गीय प्रकाश सिंह बादल से फक्र ए कौम सम्मान वापस लिया जाएगा।उन्होंने कहा कि जो नेता 2015 में कैबिनेट मेंबर रहे वह सभी कल यानी 3 दिसंबर को 12 बजे से लेकर 1 बजे तक श्री दरबार साहिब के बाथरूम साफ करेंगे। जिसके बाद नहा कर वह लंगर घर में सेवा करेंगे। बाद में श्री सुखमणि साहिब का पाठ करना होगा। इन्हें भी श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से तख्ती पहनाई जाएगी। बाथरूम साफ करने की सजा से सुखबीर बादल को छूट मिली है। क्योंकि उनके पैर में फ्रैक्चर है।
इन चार प्रमुख आरोपो पर मिली सजा
1. राम रहीम के खिलाफ शिकायत वापस ली
2007 में सलाबतपुरा में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत
राम रहीम ने सिखों के 10वें गुरू श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं की तरह कपड़े पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचा था। इस पर राम रहीम के खिलाफ पुलिस केस दर्ज किया गया था, लेकिन बादल सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया।
2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने माफी दिलवाई थी
श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए राम रहीम को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। सुखबीर ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए राम रहीम को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिखों के गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ा। अंत में श्री अकाल तख्त साहिब ने राम रहीम को माफी देने का फैसला वापस लिया।
3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई बादल सरकार के कार्यकाल के दौरान 1 जून 2015 को
कुछ लोगों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के
गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई । फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट ) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए और बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैलया। अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में असफल रहे। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए।
4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को इंसाफ नहीं दे पाए
अकाली दल सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP
नियुक्त किया गया। उन्हें राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने का दोषी माना जाता था। पूर्व डी जीपी इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया।
ब्याज समेत पैसे लौटाने का आदेश
एसजीपीसी के जिस पैसे से अखबारों में विज्ञापन दिया गया, उसे ब्याज सहित वापस करना होगा। इसमें सुखबीर सिंह बादल सहित कई नेताओं पर आरोप तय किए गए हैं।
दलजीत बोले- जो सजा सुनाई गई, वह स्वीकार है
अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा- जो सजा सुनाई गई, हम उसे स्वीकार करते हैं। साथ ही साहिबानों ने कहा है कि सभी अकाली दल के नेता एक साथ चलें। हम इस पर भी काम करेंगे। सभी नेता एक साथ चलेंगे। हम पहले दिन से कह रहे हैं कि अगर अकाल तख्त ने कहा है तो हम एक साथ होकर चलेंगे। उन्होंने फक्र ए कौम वापस लिए जाने पर कहा कि प्रकाश सिंह बादल फिलहाल दुनिया में नहीं हैं। ऐसे में जो फैसला लिया गया वो सही होगा।
ढींढसा बोले- सजा हमें मंजूर है, साथ मिलकर काम करेंगे
अकाली दल के नेता परविंदर सिंह ढींढसा ने कहा कि जो हुक्म हमें श्री अकाल तख्त साहिब से मिला है, हम सिर झुका कर स्वीकार करते हैं। ढींढसा ने बागियों के साथ काम करने पर कहा कि हमें हुक्म हुआ है कि साथ काम करना है तो हम साथ ही काम करेंगे। जो गलतियां हुई, सभी को उससे सीखना चाहिए। इसलिए हम कोई भी किंतु परंतु नहीं करते। दी गई सजा हमें मंजूर है। हमने कोई भी बात छिपाई नहीं है। उसके आधार पर ही हमें हुक्म दिए गए।
विक्रम मजीठिया ने मानी गलती
बीबी जागीर कौर ने कहा कि मैंने इन मामलों का विरोध किया था। बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि किसी भी कैबिनेट की मीटिंग में डेरा मुखी की माफी का मामला नहीं आया। जो भूल हुई उसे लेकर जो आवाज उठानी चाहिए थी, मैंने नहीं उठाई। उन्होंने कहा कि मैं सरकार का हिस्सा था, इसलिए अपनी गलती मानता हूं।
शिरोमणि अकाली दल में नई नियुक्तियां करने के आदेश
जत्थेदार रघुबीर सिंह ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल आने वाले समय में पार्टी की नई कमेटी को लेकर चर्चा करे और नियुक्तियां करे। साथ में स्पष्ट किया गया है कि ये सारी प्रक्रिया चुनावी तरीके से हो।
3 दिन में इस्तीफे स्वीकार होंगे
जत्थेदार ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल पार्टी से जिन नेताओं ने इस्तीफे दिए, उन्हें अगले 3 दिनों में स्वीकार किया जाए। उन्होंने बागी चलने वाले नेताओं को फटकार लगाते हुए शिरोमणि अकाली दल के साथ चलने की नसीहत दी। रघबीर सिंह ने कहा- सरकार के समय में सभी ने नेताओं के तौर पर काम किया और फिर पेंशन शुरू कर दी। मगर अब बागी हो गए। ऐसा करना गलत है।
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