
अमृतसर, 30 दिसंबर( राजन गुप्ता ): नगर निगम चुनाव में चुने गए उम्मीदवारो के समर्थक ढोल की थाप पर खुशियां मना रहे हैं। यह तो वाजिब ही है क्योंकि उनकी मेहनत रंग लाई है। लोगों ने उनको फतवा दिया है।वार्ड से चुनाव जीतना एक सफलता है और जीते हुए उम्मीदवारों के लिए खुशी का भी पल है। नगर निगम एक्ट के अनुसार वार्ड से जीता हुआ उम्मीदवार तब तक पार्षद पद और अन्य लाभ आदि पाने के लिए पात्र नहीं माना जाएगा, जब तक उक्त उम्मीदवार नगर निगम हाउस की मीटिंग में शपथ ना ले ले या फिर किसी कारण वंश निगम हाउस की मीटिंग में शपथ ना लेने पर डिविजनल कमिश्नर जालंधर रेंज के कार्यालय में जाकर शपथ ले सकता है। वह बिना शपथ लिए किसी भी बैठक में भाग नही ले सकता हैं और बेतौर पार्षद किसी भी फार्म पर हस्ताक्षर नहीं कर सकता। अब तो नगर निगम मेयर,सीनियर ड्यूटी मेयर,डिप्टी मेयर और नगर निगम का हाउस मीटिंग हाल पार्षदों का इंतजार कर रहा है।
नोटिफिकेशन आने के उपरांत ही डिविजनल कमिश्नर हाउस मीटिंग बुलाएगे

नगर निगम मेयर,सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव को लेकर पंजाब सरकार के लोकल बॉडी विभाग द्वारा नोटिफिकेशन जारी करने के उपरांत ही डिविजनल कमिश्नर जालंधर रेंज नगर निगम की वार्डो से चुने गए उम्मीदवारों की हाउस मीटिंग बुलाएंगे। अभी तो पंजाब सरकार के लोकल बॉडी विभाग द्वारा नोटिफिकेशन जारी करने के लिए कानूनी विशेषज्ञों से सलाह मशवीरा किया जा रहा है। कानूनी विशेषज्ञों से मेयर,सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर की कैटेगरी की रोटेंशन को लेकर विस्तार पूर्वक स्टडी की जा रही है। रोटेंशन के अनुसार तीनो मेयर पद के लिए जनरल, लेडीज और एससी केटेगरी को लेकर स्टडी चल रही है। पता चला है इसको अभी समय लग सकता है। नोटिफिकेशन जारी करने से पहले इस पर भी स्टडी हो रही है कि मेयर चुनाव बेलट पेपर से या फिर हाउस मीटिंग में सदस्यों के हाथ खड़े करके करवाई जाए। साल 2018 में नगर निगम मेयर चुनने के लिए हाउस मीटिंग बुलाने के लिए 38 दिन का समय लग गया था। तब तो कांग्रेस के पास भारी भरकम बहुमत था।
अभी गवर्नेंस के अनुसार चलेगा नगर निगम
जब तक नगर निगम का हाउस नहीं बन पाता तब तक गवर्नेंस के अनुसार नगर निगम चलेगा। पिछले 23 दिसंबर को चुनाव आचार संहिता समाप्त हो चुकी है। चुनाव आचार संहिता समाप्त होने के उपरांत नगर निगम ने आचार संहिता से रुके हुए कार्य शुरू कर दिए हैं। अब नगर निगम ने विकास कार्यों की टेंडरिंग प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। आचार संहिता के चलते टेंडर प्रक्रिया रुकी हुई थी। पहले से लगाए हुए विकास कार्यों के ई-टेंडर और पार्किंग स्टैंड के भी टेंडर खुलने शुरू हो गए हैं। निगम द्वारा लोगों को लाभ देने वाली योजनाएं भी शुरू कर दी गई है। जब तक नगर निगम का हाउस नहीं बनता, तब तक नगर निगम कमिश्नर के पास ही सभी अधिकार है।

‘अमृतसर न्यूज़ अपडेटस” की व्हाट्सएप पर खबर पढ़ने के लिए ग्रुप ज्वाइन कर