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मौसम साफ होते ही गिरदावरी का काम शुरू होगा :भूस्खलन में आई दरारों को भरने की भी तैयारी की जा रही: डिप्टी कमिश्नर

प्रभावित लोगों से बातचीत करती हुई डीसी साक्षी साहनी।

अजनला, 4 सितंबर(राजन): बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में राहत कार्यों की लगातार ज़िम्मेदारी संभाल रही अमृतसर की डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने गाँव घोनेवाल में प्रभावित परिवारों को आश्वासन दिया कि जैसे ही बाढ़ का पानी उतरेगा और मौसम साफ होगा, हम विशेष गिरदावरी का काम शुरू कर देंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में मौसम साफ रहने का अनुमान है और अगर मौसम साफ रहा तो हमारे पटवारी हर प्रभावित घर में पहुँचकर नुकसान का आकलन करेंगे और इस रिपोर्ट को सरकार को भेजकर जल्द से जल्द मुआवज़ा राशि बाँटने का काम शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि गिरदावरी का काम सबसे ज़्यादा प्रभावित क्षेत्र घोनेवाल से शुरू किया जाए, जहाँ धुस्सी बाँध टूट गया था और सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ था।

अमृतसर जिले के 190 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं

प्रभावित लोगों से बातचीत करती हुई डीसी साक्षी साहनी।

डीसी साहनी ने बताया कि इस समय हमारी टीमें, एनजीओ, रेडक्रॉस अमृतसर, विभिन्न संगठन, कार सेवा गुरु, युवा सेवा समितियां और अन्य स्वयंसेवक पूरे पंजाब से यहां पहुंच रहे हैं और जरूरतमंदों की सेवा कर रहे हैं। एडीसी रोहित गुप्ता ने बताया कि अमृतसर जिले के 190 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं और उनमें रहने वाले लगभग 1.35 लाख लोग बाढ़ से सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं। उन्होंने बताया कि अमृतसर जिले में बाढ़ के कारण पांच अनमोल जानें जा चुकी हैं और 91 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। पशुधन के बारे में बात करते हुए एडीसी ने बताया कि 12 पशुओं की मौत और कई के लापता होने की भी सूचना है।

2734 लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है

एडीसी ने बताया कि हमारी टीमों ने बचाव कार्यों में हिस्सा लिया है और पानी से पूरी तरह घिरे 2734 लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। इस समय लोगों की सुविधा के लिए 16 स्थानों पर बाढ़ राहत केंद्र चल रहे हैं, जहां जरूरतमंद लोगों के रहने और पशुओं को रखने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, इन स्थानों से जरूरतमंद लोगों को राशन और पशुओं के लिए चारा-चारा वितरित किया जा रहा है।

सांप काटने पर तुरंत बाढ़ राहत केंद्र पहुँचें और डॉक्टरों से टीका लगवाएँ

एडीसी गुप्ता ने कहा कि हमारी मेडिकल टीमें इन कैंपों में 24 घंटे बैठकर ज़रूरतमंदों का इलाज कर रही हैं। उन्होंने लोगों से भी अपील की कि बाढ़ के पानी में साँपों के काटने की कई घटनाएँ होती हैं, जिन्हें हल्के में न लें और जब भी किसी को साँप काटे, तो तुरंत इन बाढ़ राहत केंद्रों पर पहुँचें, जहाँ डॉक्टरों के पास साँप काटने का टीका होता है और वही सबसे सुरक्षित दवा है। उन्होंने कहा कि लोग घरेलू हिंसा में पड़कर किसी की भी कीमती जान खतरे में न डालें, बल्कि सीधे चिकित्सा सहायता लें।

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