चंडीगढ़/ अमृतसर29 मई (राजन गुप्ता): कोविड-19 में स्कूल ऑनलाइन हो गए है। जिसके बाद फीस के मामले में उलझे कई छात्र निजी स्कूलों को छोड़कर सरकारी व अन्य प्राइवेट स्कूलों का रुख कर चुके हैं।इस बीच पंजाब शिक्षा विभाग का फैसला बच्चों के लिए वरदान साबित हुआ।पंजाब शिक्षा विभाग ने एक फरमान जारी की थी कि छात्र बिना स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र प्राप्त किए दूसरे स्कूल में प्रवेश ले सकते हैं लेकिन अब हाई कोर्ट ने इस मामले पर रोक लगा दी है।
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब के सरकारी और निजी स्कूलों के बच्चों संबंधी इस फरमान पर रोक लगा दी है ।अब सभी बच्चों को स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र लाना अनिवार्य होगा।
इससे पहले, सरकारी व अन्य प्राइवेट स्कूल बिना लिविंग सर्टिफिकेट के छात्रों को प्रवेश दे रहे थे। निजी स्कूल संघ ने सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने सरकार के फैसले पर रोक लगा दी है।
गौरतलब है कि पंजाब शिक्षा विभाग ने सितंबर 2020 और अप्रैल 2021 को नोटिफिकेशन जारी किया था, लेकिन कोरोना के चलते शिक्षा विभाग ने छात्रों को बड़ी राहत देने का फैसला किया था, जिसके बाद बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं निजी स्कूलों से बाहर हो गए थे। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी अधिसूचना को निजी स्कूलों ने अधिवक्ता डीएस गांधी के माध्यम से उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
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