
अमृतसर,28अक्टूबर (राजन): सीनियर डिप्टी मेयर रमन बख्शी द्वारा मेयरशिप विवाद को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में डाली गई रिट पिटिशन को हाई कोर्ट की डबल बेंच की जस्टिस रितु बाहरी और निधि गुप्ता ने डिसमिस कर दिया है। मेयर करमजीत सिंह रिंटू पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले अपने कुछ पार्षदों के साथ आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के उपरांत मेयर रिंटू के साथ लगभग 36 पार्षद आप में आ गए। इस वक्त नगर निगम हाउस में कुल 84 पार्षद और शहर के 5 विधायक सदस्य हैं। नगर निगम एक्ट के अनुसार हाउस बैठक में कुल उपस्थित सदस्यो में से एक तिहाई सदस्यों का समर्थन मेयर को मिलता है तो मेयर पद पर बने रहते हैं।
अप्रैल माह में रमन बख्शी ने डाली थी याचिका
मेयर कर्मजीत सिंह रिंटू के आम आदमी पार्टी में जाने के उपरांत सीनियर डिप्टी मेयर रमन बख्शी द्वारा अप्रैल माह में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी कि मेयर कर्मजीत रिंटू के पास बहुमत नहीं है और मेयर रिंटू को पद से हटाने के लिए नगर निगम हाउस की बैठक बुलाकर फ्लोर टेस्ट करवाया जाए। हाई कोर्ट में याचिका दायर होने के उपरांत इसकी सुनवाई होती रही और तारीखें मिलती रही। आज हाईकोर्ट की डबल बेंच की जस्टिस रितु बाहरी और निधि गुप्ता ने डाली गई याचिका को डिसमिस कर दिया है।
सच्चाई की हुई जीत : मेयर रिंटू

हाई कोर्ट से निर्णय आने पर मेयर करमजीत सिंह रिंटू ने कहा कि सच्चाई की जीत हुई है। उनके विरुद्ध डाली गई याचिका खारिज हुई है। बताते चलें कि मेयर कर्मजीत सिंह रिंटू का कार्यकाल 28 जनवरी साल 2023 तक का है।
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