
अमृतसर,24 अगस्त (राजन):नगर निगम के आमदनी वाले विभाग काफी पीछे चल रहे हैं। इस वित्त वर्ष के 5 महीने पूरे होने जा रहे हैं। निगम के आमदनी वाले प्रॉपर्टी टैक्स विभाग, वाटर सप्लाई सीवरेज विभाग, विज्ञापन विभाग, लाइसेंस ब्रांच, स्लॉटर हाउस और भूमि विभाग विभाग को दिए गए निर्धारित लक्ष्य के आसपास भी नहीं है।निगम की आमदनी वाला सबसे बड़ा विभाग प्रॉपर्टी टैक्स है। प्रॉपर्टी टैक्स विभाग का आमदनी का बजट 50 करोड रुपए रखा हुआ है। विभाग ने 1 अप्रैल से 24 अगस्त तक 43600 पी टी आर के साथ 10.21 करोड़ रुपए टैक्स एकत्रित किया है। जबकि पिछले दिनों जॉइंट कमिश्नर हरदीप सिंह द्वारा प्रॉपर्टी टैक्स विभाग के अधिकारियों से की गई मीटिंग में रखे गए लक्ष्य से काफी कम है। प्रॉपर्टी टैक्स विभाग द्वारा डिफॉल्टर पार्टियों के विरुद्ध सीलिंग अभियान भी पिछले काफी दिनों से बंद किया हुआ है। इसी तरह से वाटर सप्लाई सीवरेज विभाग का वार्षिक लक्ष्य 14.50 करोड़ रूपया है। जबकि विभाग को अब तक 3.82 करोड़ रुपए ही एकत्रित हुआ है। विभाग द्वारा कमर्शियल और रिहायशी आदारों को पूरी तरह से बिलों का वितरण नहीं हो पा रहा हैं। विभाग ने पिछले कुछ दिनों से डिफॉल्टर पार्टियों के कनेक्शन काटने भी बंद किए हुए हैं। निगम के विज्ञापन विभाग का वार्षिक लक्ष्य 12 करोड रुपए रखा हुआ है। विभाग को अब तक 5.17 करोड रुपए एकत्रित हुए हैं। निगम द्वारा जिस कंपनी को ठेका दिया हुआ है,विभाग उस कंपनी से ही टैक्स एकत्रित कर रहा है। जबकि आउटडोर एडवरटाइजमेंट के लिए बड़े-बड़े शॉपिंग मॉलज, बड़े-बड़े मार्केटिंग सेंटर और बड़ी-बड़ी प्राइवेट बिल्डिंग के ऊपर लगे बड़े-बड़े विज्ञापनों के टैक्स बहुत ही कम वसूल रहा है। यही हाल निगम के लाइसेंस ब्रांच का है। लाइसेंस ब्रांच का वार्षिक बजट 4.50 करोड रुपए हैं। विभाग द्वारा 1 अप्रैल से 24 अगस्त तक 68.15 लाख रुपए ही एकत्रित किए हैं। निगम के भूमि विभाग सेल का प्रॉपर्टी का वार्षिक बजट 20 करोड रुपए, किराया 5 करोड रुपए, तहबाजारी 4 करोड़ रुपए रखा हुआ है। जबकि विभाग इससे काफी पीछे चल रहा है। भूमि विभाग द्वारा इस बार किराया और तहबाजारी बढ़ाए जाने पर लक्ष्य के नजदीक पहुंच सकते हैं। निगम को स्लॉटरहाउस की आमदनी भी बहुत ही कम है। जबकि निगम को बकरे, मुर्गा और मछली काटने के एवज में 1 साल में 10 करोड रुपए एकत्रित हो सकता है। जबकि विभाग वार्षिक तौर पर कुछ ही लाख रुपए में ही खेल रहा है। इस ओर भी किसी का कोई ध्यान नहीं है।
जी आई एस सर्वे में स्थिति साफ होगी
नगर निगम द्वारा जी आई एस सर्वे के लिए ई-टेंडर जारी किए जा रहे हैं। निगम कमिश्नर राहुल द्वारा टेंडर जारी करने के लिए कमेटी का गठन किया हुआ है। कमिश्नर राहुल द्वारा कमेटी को इस ई टेंडर के रेट रिवाइज करके 25 अगस्त को रिपोर्ट जारी करने के आदेश दिए हुए हैं। जी आई एस सर्वे पूरा होने के बाद टैक्स कलेक्शन की स्थिति साफ हो जाएगी।
लगातार मीटिंग करनी होगी
नगर निगम के प्रत्येक विभाग की आमदनी निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिए निगम कमिश्नर को प्रत्येक विभाग के अधिकारियों के साथ लगातार मीटिंग करनी होगी। मीटिंग दौरान विभागीय अधिकारियों को प्रत्येक महीने के जोन वाइज लक्ष्य देने होंगे। लक्ष्य पूरे न करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध बनती कारवाइयां भी करनी होगी।
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