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शहर की सफाई व्यवस्था का बुरा हाल: निगम की कार्य प्रणाली को देखते हुए 41 वार्डों की सफाई व्यवस्था को लेकर किसी भी कंपनी ने नहीं भरा टेंडर

शहर में लगे गंदगी के ढेरो की तस्वीर।

अमृतसर, 17 जुलाई (राजन गुप्ता): शहर की सफाई व्यवस्था का इस वक्त बुरा हाल है।नगर निगम अमृतसर की ओर से 41 वाडों में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए टेंडर लगाया हुआ था । जिसे नगर निगम की टेंडर कमेटी द्वारा इस टेंडर को खोला गया । निगम की कार्य प्रणाली को देखते हुए 41 वार्डों की सफाई व्यवस्था को लेकर किसी भी कंपनी ने टेंडर नहीं भरा।अब दोबारा से इसका टेंडर लगाया जाएगा। जिसे मैच्योर होने में लंबा समय लग जाएगा।

शहर में लगे गंदगी के ढेरो की तस्वीर।

नगर निगम द्वारा 41 वार्डों के लिए पहले 8 मई को टेंडर लगाया गया था। जो 24 जून को खुलना था। इस टेंडर को खोले बिना ही इसमें दो बार शर्ते बदलकर टेंडर की आगे डेट कर दी गई। फाइनल में इस टेंडर को 16 जुलाई को शाम को खोला गया। किंतु एक भी बिडर नहीं आया।प्री-बिड में 12 बिडर आए थे। जिनके साथ निगम अफसरों की मीटिंग की गई थी। जो ठीक नहीं रही थी। कूड़ा कलेक्शन को लेकर टेंडर फाइनल न हो पाने की वजह नगर निगम की कार्य प्रणाली सामने आ रही हैं। जिसमें मुख्य तौर पर टेंडर की कई बार शर्तें बदली गई और टेंडर की समय अवधि 15 साल से घटाकर 8 साल कर दी गई है। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन 41 वार्डों के लिए जो टेंडर लगाया था उसकी समय अवधि कम करने पर उसका रिजर्व प्राइस 310. 44 करोड़ रुपए से कम होकर 166.57 करोड़ पर आ गई । इस टेंडर का वर्कऑर्डर जिस कंपनी को होगा उसे साउथ हलका के वार्ड नंबर नंबर 33 से 42 और 62 से 67 वार्ड तो सेंट्रल हलका में 48 से 61 और 68 सेलेकर 71 नंबर वार्ड तो वेस्ट में 72 से 76 फिर 78,80,82,84 और 56 नंबर वार्ड और नॉर्थ हलका में सिर्फ 52 वार्ड की सफाई का काम सौंपा जाना है। इसके अलावा इस टेंडर को लेकर नगर निगम के पास फंड भी उपलब्ध नहीं है।

अवरदा कंपनी पहले से ही एग्जिट कर चुकी

शहर में लगे गंदगी के ढेरो की तस्वीर।

शहर की सफाई व्यवस्था का इस वक्त बुरा हाल है। जगह-जगह पर गंदगी के ढेर होने से बीमारियां फैलने का खतरा बना हुआ है। नगर निगम ने शहर की डोर टू डोर और शहर के कूड़ा कलेक्शन प्वाइंट की सफाई व्यवस्था को लेकर ठेका अवरदा कंपनी को दिया हुआ था। कंपनी एग्जिट कर चुकी है। पिछले लंबे अरसे से कंपनी के एग्जिट होने के बावजूद भी नगर निगम अभी तक किसी और कंपनी को ठेका नहीं अलाट कर सकी है।एग्जिट होने के बावजूद भी फिलहाल कंपनी कार्य कर रही है। कंपनी द्वारा आगे कंपनियों को ठेका सब अलाट करके ट्रैक्टर ट्रालियों के माध्यम से कूड़ा उठवाया जा रहा है। शहर में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए लगभग 250 छोटी गाड़ियां होनी चाहिए।

शहर में लगे गंदगी के ढेरो की तस्वीर।

इस वक्त कंपनी की छोटी गाड़ियां लगभग 75 ही चल रही है। इसके अलावा 80 ट्रैक्टर ट्रालियों के माध्यम से शहर से कूड़ा कलेक्ट किया जा रहा है। आए दिन कंपनी की छोटी गाड़ियों की संख्या कम होती जानी है। जिस कारण जगह-जगह पर लगातार कूड़ा कलेक्शन ना होने पर गंदगी के देर लग रहे हैं। कंपनी द्वारा अभी भी नगर निगम से प्रति माह लगभग 2.15 करोड़ रुपए से अधिक की राशि ली जा रही है। कंपनी किसी भी वक्त कार्य पूरी तरह से बंद कर सकती है। नगर निगम द्वारा इसका आगे कोई अभी तक टेंपरेरी इंतजाम नहीं किया है।

कंपनी के कंपैक्टर तथा और मशीनरी भी बंद हो चुकी

शहर में लगे गंदगी के ढेरो की तस्वीर।

शहर की सफाई का कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों की कमी होने के कारण बुरा हाल तो है। इसके साथ-साथ कंपनी के कंपैक्टर तथा और मशीनरी भी बंद हो चुकी है। सबसे अधिक गंदगी और बीमारियां फैलने का मुख्य कारण कंपनी के कंपैक्टर बंद होना है। कंपैक्टर के माध्यम से ही शहर में कूड़ा एकत्रित करने के लिए रखे गए बड़े-बड़े डस्टबिन उठाए जाते हैं। अब इन डस्टबिन में पिछले तीन- तीन, चार-चार दिन का कूड़ा भर गया है और डस्टबिन के आसपास भी कूड़ा लोगों द्वारा फेंका जा रहा है। जिससे आने वाले दिनों में भयंकर  बीमारियां फैल सकती है। शहर में लगे सभी डस्टबिन को उठाने का प्रबंध भी नगर निगम को करना चाहिए। निगम के पास डंपिंग मशीने पड़ी हुई है, जिससे इन डस्टबिन से कूड़ा उठाया जा सकता है।

निगम ने डोर टू डोर पूरा कलेक्शन के लिए 2 टेंडर लगाए हुए

शहर में लगे गंदगी के ढेरो की तस्वीर।

नगर निगम द्वारा डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए दो टेंडर लगाए हुए । इनमें शहर की 41 वार्ड की सफाई और शहर की 44 वार्ड की सफाई के लिए  टेंडर लगाया हुआ । अब 41 वार्ड का तो टेंडर दोबारा लगेगा। 44 वार्ड की सफाई को लेकर टेंडर 18 जुलाई को खुलने जा रहा है। इस टेंडर में भी किसी कंपनी के ना आने की संभावना है। अगर टेंडर मेच्योर नहीं होते तो दोबारा टेंडर लगाने के बाद फिर टेंडर मैच्योर होने में डेढ़ महीना लग जाता है। फिलहाल नगर निगम को शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर कोई टेंपरेरी हल निकलना होगा। क्योंकि कंपनी कभी भी सारा काम बंद कर सकती है। कंपनी ने पहले भी नगर निगम को अगस्त और सितंबर तक का ही समय दिया था। कंपनी की सारी मशीनरी धीरे-धीरे समाप्त होती जा रही है। कंपनी पर देनदारियां भी बहुत ही अधिक है।

टेंपरेरी हल के लिए निगम के एस्टीमेट को मंजरी नहीं मिली

शहर में लगे गंदगी के ढेरो की तस्वीर।

अवरदा कंपनी के जाने के बाद अगर पहले लगाए हुए बड़े 2 टेंडर मेच्योर नहीं होते तो निगम ने एक टेंपरेरी हल निकालने के लिए पांच छोटे टेंडर लगाने के एस्टीमेट लोकल बॉडी विभाग को भेजे हुए  है। निगम अधिकारियों ने  शहर की पांच विधानसभा क्षेत्र की डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए पांच एस्टीमेट बनाकर लोकल बॉडी विभाग को मंजूरी के लिए भेजे हुए हैं। यह टेंपरेरी हल करने के लिए तीन-तीन महीने के टेंडर जारी किए जाएंगे। पांच टेंडर जारी होने हैं। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए 1.25 करोड़ रुपए  की लागत का टेंडर जारी होगा। ताकि कंपनी के जाने के बावजूद भी सफाई करवाई जा सके। किंतु अभी तक लोकल बॉडी विभाग द्वारा इन एस्टीमेट की मंजूरी नहीं दी हुई है। इन पांच टेंडरो को मैच्योर होने का भी समय लगाना है।

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