शहर वासियों को इस स्कीम का मिलेगा लाभ
प्रदेश में लगभग93 हजार कनेक्शन नियमित होने की उम्मीद
चंडीगढ़/ अमृतसर, 16 अगस्त( राजन): मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में पंजाब कैबिनेट ने सोमवार को अनधिकृत सीवरेज व पानी कनेक्शनों को नियमित करने और जलापूर्ति और सीवरेज शुल्क के बकाये की वसूली के लिए वन टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) स्कीम को मंजूरी दी।
इससे लगभग 93000 कनेक्शनों के नियमित होने की उम्मीद है, जिससे शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के राजस्व में वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता के अनुसार, घरेलू श्रेणी के तहत, जलापूर्ति के नियमितीकरण के लिए प्रति कनेक्शन 200 रुपये (जल आपूर्ति और सीवरेज के लिए 100 रुपये प्रत्येक) और प्लॉट मापने के लिए सीवरेज कनेक्शन के लिए एकमुश्त शुल्क लिया जाएगा। 125 वर्ग गज तक, 500 रुपये प्रति कनेक्शन (प्रत्येक जल आपूर्ति और सीवरेज के लिए 250 रुपये) 125 से 250 वर्ग गज के बीच के भूखंड के लिए शुल्क 250 वर्ग गज से अधिक के लिए 1000 प्रति कनेक्शन (पानी की आपूर्ति और सीवरेज के लिए 500 रुपये प्रत्येक लिया जाएगा ।
वाणिज्यिक/संस्थागत श्रेणी में रु. 250 वर्ग गज तक के प्लॉट के लिए 1000 प्रति कनेक्शन (पानी की आपूर्ति और सीवरेज के लिए 500 रुपये) का शुल्क लिया जाएगा। और 25 वर्ग गज से ऊपर के प्लॉट के लिए 2000 रुपये प्रति कनेक्शन (पानी की आपूर्ति और सीवरेज के लिए 1000 रुपये प्रत्येक)। यदि उक्त शुल्क अधिसूचना की तिथि से तीन महीने के भीतर जमा कर दिया जाता है तो कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा। जो उपभोक्ता इस अवधि में अपने कनेक्शन का नियमितीकरण नहीं करवाते हैं, उनके कनेक्शन को नियमित करते समय उपरोक्त शुल्क पर शत-प्रतिशत जुर्माना लगाया जाएगा। जो उपयोगकर्ता अधिसूचना की तारीख से छह महीने के भीतर अपने कनेक्शन को नियमित नहीं करवाते हैं, उन्हें डिस्कनेक्शन का सामना करना पड़ेगा, और लंबित उपयोगकर्ता शुल्क पर लागू जुर्माना और ब्याज लगाया जाएगा।
शुल्क जमा करने के बाद, सड़क काटने, कनेक्शन शुल्क और सुरक्षा जैसे अन्य शुल्क देय नहीं होंगे। पाइप की गुणवत्ता, कनेक्शन के आकार और जलापूर्ति लाइन (सीवर लाइन के नीचे या आसपास नहीं) के संरेखण के संबंध में शहरी स्थानीय निकायों के तकनीकी अधिकारी की संतुष्टि पर, कनेक्शन को नियमित किया जाएगा।
यदि अधिसूचना जारी होने की तिथि से तीन माह की अवधि के भीतर मूलधन का भुगतान अधिसूचना की तिथि को किया जाता है, तो जल आपूर्ति के बकाये एवं सीवरेज प्रभार/कर/फीस पर कोई ब्याज एवं शास्ति प्रभारित नहीं की जायेगी। साथ ही, यदि बकाया राशि और ब्याज भुगतान की मूल राशि 3 महीने के बाद लेकिन इस अधिसूचना के जारी होने की तारीख से 6 महीने के भीतर भुगतान की जाती है, तो कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा।
इस अधिसूचना के जारी होने की तारीख से 6 महीने के भीतर बकाया जमा करने में विफलता पर नगर निकायों द्वारा डिस्कनेक्शन के अलावा लागू ब्याज और जुर्माना दोनों लगेगा। यह स्पष्ट किया जाता है कि बकाया का मतलब केवल जलापूर्ति और सीवरेज शुल्क की मूल राशि है।