जिले में बढ़ रहा डेंगू का प्रकोप, डेंगू मरीजों की संख्या 222 तक पहुंची
भारी बरसात तथा पानी की निकासी ना होने पर डेंगू महामारी फैलने की संभावना
अमृतसर,10 सितंबर(राजन): शहर में सुबह से ही भारी बरसात से शहर जलमग्न हो गया। नगर निगम द्वारा करोड़ों रुपए खर्च करके शहर की डी सिल्टिंग करवाई जाती है। इसके बावजूद हेरीटेज स्ट्रीट तथा शहर के कई क्षेत्र बरसाती पानी में डूबे रहे और कहीं-कहीं घंटों तक पानी अभी भी वहां पर खड़ा है। इससे जिले में डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है।आज हुई भारी बरसात तथा नगर निगम प्रशासन द्वारा पानी की निकासी के उचित प्रबंध ना होने के कारण डेंगू महामारी फैलने की संभावना बढ़ गई है ।
आज 18 और मरीजों को डेंगू ने अपनी गिरफ्त में लिया है। जिले में अब डेंगू से पीड़ित मरीजों की संख्या 222 तक पहुंच गई है जबकि इनमें से 3 दर्जन के करीब मरीज अस्पतालों में उपचाराधीन हैं कोरोना महामारी के दौरान डेंगू के केस एकदम से बड़ी संख्या में सामने आने के बाद प्रशासन के लिए चिंता का विषय बन गया है। नगर निगम पहले ही शहरी क्षेत्र में लारवा को खत्म करने में तमाम कोशिशों के बावजूद असफल होता जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम में भी निरंतर फील्ड में डेंगू के लारवे को खत्म करने के लिए काम कर रही थी परंतु जिले में सुबह से हो रही मूसलाधार बारिश ने दोबारा जगह-जगह पर पानी खड़ा कर दिया है। पानी की निकासी न होने के कारण अधिकतर स्थानों पर अब आने वाले दिनों में डेंगू का लारवा पैदा हो सकता है।
जिले के सरकारी तथा प्राइवेट अस्पतालों में 3 दर्जन के करीब मरीज उपचाराधीन हैं। कुछ प्राइवेट अस्पताल डेंगू के नाम पर लोगों से भारी भरकम बिल भी वसूल कर रहे हैं। लोगों में अब कोरोना कि इतनी दहशत नहीं दिखाई दे रही जितनी डेंगू की दिखाई दे रही है। यदि जिला प्रशासन ने अपनी जिम्मेवारी सही ढंग से निभाते हुए अभी भी पानी की निकासी के लिए शहरी क्षेत्र में गंभीरता से काम ना किया तो आने वाले दिनों में डेंगू भी महामारी का रूप धारण कर सकती है।
डेंगू फैलाने वाले मच्छर को एडीज इजिप्टी कहते हैं। यह मच्छर साफ पानी में डेंगू का लारवा 7 दिनों में बनाता है। पानी में लारवा बनने के बाद यह मच्छर इतना शक्तिशाली हो जाता है कि जिसे भी कांटे वह गंभीर बीमार हो जाता है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार घरों के आसपास पानी इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए। यह मच्छर सुबह के समय काटता है तो सुबह के समय पूरी बाजू के कपड़े पहन कर रखने चाहिए। बरसात के मौसम में समय-समय पर पानी की निकासी के लिए ध्यान देना चाहिए।