अमृतसर, 13 सितम्बर (राजन): शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने जम्मू कश्मीर की सरकारी भाषाओं की सूची में पंजाबी भाषा को शामिल करने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा। भाई लोंगोवाल ने कहा कि गत दिवस भारत सरकार की कैबिनेट मीटिंग दौरान प्रवान किए गए जम्मू कश्मीर भाषा बिल में से पंजाबी को बाहर रखा गया है, जिस कारण सिखों अंदर रोष है। इसके साथ ही अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को मान्यता नहीं दी गई। शिरोमणि कमेटी प्रधान ने देश के प्रधानमंत्री को कहा है कि यह भाषा बिल जो मानसून सैशन दौरान संसद में पेश किया जाना है, को संशोधन उपरांत ही पास किया जाए। संसद में बिल पर मोहर लगाने से पहले इसमें पंजाबी और अन्य क्षेत्रीय भाषाएं दर्ज की जाएं।
शिरोमणि कमेटी के प्रधान भाई लोंगोवाल ने कहा कि जम्मू कश्मीर भाषा बिल में से पंजाबी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को मान्यता ना देनी किसी भी तरह ठीक नहीं है। केन्द्र के इस कदम के साथ कम संख्या की भावनाओं को ठेस पहुंचती है। उन्होने कहा कि जम्मू कश्मीर अंदर बड़ी संख्या में लोग पंजाबी और अन्य क्षेत्रीय भाषाएं बोलते हैं। पंजाबी भाषा को जम्मू कश्मीर के संविधान में भी मान्यता थी। इसलिए पंजाबी भाषा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होने प्रधानमंत्री को अपील की कि इस बिल को संसद में पास करने से पहले इसमें पंजाबी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को शामिल किया जाए।
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