अमृतसर,26 अप्रैल(राजन):बीबीकेडीएवी महिला कॉलेज में एनआरआई पंजाबी कवि राज लाली बटाला के साथ कॉलेज के पंजाबी विभाग द्वारा रू-ब-रू कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इस अवसर पर कॉलेज की प्रिंसिपल डाॅ. पुष्पिंदर वालिया ने पर्यावरण की सुरक्षा, समृद्धि और हरियाली का प्रतीक एक छोटा पौधा भेंट कर उनका औपचारिक स्वागत किया।
अतिथियों का स्वागत करते हुए पुष्पिंदर वालिया ने राज लाली बटाला के साथ पंजाबी विभाग द्वारा आयोजित रू ब रू कार्यक्रम की बैठक पर प्रसन्नता व्यक्त की उन्होंने कहा कि कवि हमारी भाषा हैं। उन्होंने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि लेखक एक जिंदगी नहीं बल्कि कई जिंदगी जीते हैं। उन्होंने कविता लिखने के अपने कई अनुभव भी साझा किए। उन्होंने राज लाली बटाला की कविताओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी कविता आत्मा को छू जाती है। गुरुओं ने काव्य के रूप में अपनी काव्य रचना की है, अतः काव्य का स्थान और भी ऊँचा हो गया है। उन्होंने इस सफल आयोजन के लिए पंजाबी विभाग को बधाई दी और भविष्य में भी इसी तरह के आयोजन करने के लिए प्रोत्साहित किया।
सबसे पहले मुख्य वक्ता राज लाली बटाला ने सभा को संबोधित किया। इस आयोजन के लिए पुष्पिंदर वालिया, सुदर्शन कपूर और पंजाबी विभाग को बधाई। उन्होंने कहा कि यह सम्मान मेरा नहीं है, मेरी मातृभाषा पंजाबी है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कहाँ रहते हैं, यह पंजाब के साथ काम करता है। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि चलते-चलते जो मिलता है, उसे वह अपनी कविता के माध्यम से प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने तरनम में अपनी कुछ गजलों का पाठ कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने लड़कियों को समर्पित एक ग़ज़ल पढ़कर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया, “अपने दम पर उड़ो”।
स्थानीय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सुदर्शन कपूर ने कॉलेज की प्रिंसिपलएवं राज लाली बटाला को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “आप जहां भी जाते हैं, मिट्टी का आकर्षण हमेशा रहता है,” । उन्होंने गजलों की खूबसूरती के बारे में भी बताया।
इस अवसर पर प्रश्नोत्तर सत्र का भी आयोजन किया गया। विद्यार्थियों ने कविता से संबंधित विभिन्न प्रश्न पूछकर अपनी शंकाओं का समाधान किया। इस समय जोबनरूप छिना (एमए पंजाबी, सेमेस्टर II) ने अपनी स्व-रचित कविता तरनम का पाठ किया। इस मौके पर पंजाबी विभाग के प्रो. जगमीत सिंह की किताब ‘सोहबत’ का भी विमोचन किया गया। कॉलेज की प्रिंसिपल, सुदर्शन कपूर और पंजाबी विभाग द्वारा मुख्य वक्ता को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।
इस आयोजन का कुशल मंच प्रबंधन डॉ. सुनीता शर्मा, पंजाबी विभाग कार्यक्रम के अंत में पंजाबी विभाग की प्रमुख डॉ. रानी ने दर्शकों का धन्यवाद किया। इस अवसर पर डाॅ. महारानी, डॉ सुनीता शर्मा, शैली जग्गी, नोडल अधिकारी डॉ. नरेश (डीन यूथ वेलफेयर डिपार्टमेंट), शेफाली जौहर (ललित कला विभाग) सहित पंजाबी विभाग के फैकल्टी मेंबर्स और स्टूडेंट्स भी मौजूद थे।
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