
अमृतसर,6 अगस्त (राजन): शहर की दूसरी बड़ी लाइफ लाइन माने जाने वाले रिगो ब्रिज की हालत काफी खस्ता है, भारी ट्रैफिक गुजरने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। पंजाब में कई सरकारें बदली लेकिन इसके दोबारा निर्माण के लिए आज तक कोई विशेष प्रयास नहीं हुआ है। मात्र कभी कभार सत्ताधारी नेताओं द्वारा नगर निगम और इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के अधिकारी द्वारा प्लानिंग ही करवाई गई है। किंतु इसे अमलीजामा नहीं पहनाया जा रहा है। इस पुल का दोबारा निर्माण होना बेहद आवश्यक है।अब देखना होगा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार आने पर इस पुल जो केंद्रीय, उत्तरी और पश्चिम विधानसभा क्षेत्र को आपस में जोड़ता है। इन तीनों विधानसभा क्षेत्रों के विधायक भी आम आदमी पार्टी से है।इस पुल का फायदा लगभग पांच लाख आबादी लेती है। इस पुल के दोबारा निर्माण के लिए रेलवे से मंजूरी लेकर पंजाब सरकार बना सकती है।
1955 में खत्म हो गई थी मियाद

शहर के कई इलाकों को जोड़ने वाले रिगो ब्रिज की मियाद खत्म हुए भी कई वर्ष बीत चुके हैं । ब्रिटिश सरकार ने इस पुल को 1905 में तैयार किया था। उस समय पुल की अवधि 50 साल तय की गई थी। 1955 में इस पुल को तोड़कर दोबारा बनाने की योजना थी। मगर ऐसा नहीं हुआ। ब्रिटिश साम्राज्य खत्म हो गया और इसके बाद पुल इसी तरह चलता रहा। इस पुल का दोबारा निर्माण लगभग 80 करोड़ रुपये की लागत से होना है । मगर तीनों ही विधानसभा क्षेत्रों के विधायकों ने इसके लिए कभी ज्यादा प्रयास ही नहीं किया ।
पुल के दोनों तरफ पत्थर लगाने से लग रहा जाम

खस्ता हालत हो चुके रिगो ब्रिज से भारी वाहनों को गुजरने की प्रशासन द्वारा रोक लगाई हुई है। भारी वाहनों को रोकने के लिए नगर निगम द्वारा इसके दोनों तरफ बड़े-बड़े पत्थर (टी बीम) लगा दिए है, जिससे प्रतिदिन सुबह और शाम जब ट्रैफिक बढ़ता है तो लंबा ट्रैफिक जाम लग जाता है।
शरारती तत्व अपना समय बचाने के लिए टी बीम हटा देते

नगर निगम द्वारा भारी वाहनों को रोकने के लिए रीगो ब्रिज के दोनों ओर बड़े-बड़े पत्थर टी बीम हटाकर भारी वाहन वहां से गुजार लेते हैं। इस तरह की घटनाएं अक्सर हो जाती है, अपना समय बचाने के लिए शरारती तत्व टिप्पर व अन्य मापदंड अपनाकर बड़े-बड़े पत्थरों को साइड करके भारी वाहन इस पुल से निकाल लेते हैं। जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। ऐसा आए दिन होता रहता है। 10 दिन पहले भी और गत दिवस भी टी बीम हटाए गए किंतु नगर निगम दोबारा इनको लगा दिया जा रहा है।इसकी सूचना नगर निगम अधिकारियों द्वारा पुलिस को देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होती। नगर निगम के सिविल विंग के एसडीओ और जेई ने शुक्रवार को हटाए गए t-beam की जानकारी अपनी उच्च अधिकारियों को दे दी है।
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