मैनस्ट्रयुल हैल्थ को मिलेगा बढ़ावा, मार्केट से काफी सस्ती दरों में मिलेंगें सैनेटरी पैड्स
अमृतसर, 7 अक्तुबर(राजन): महिलाओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए तथा मैनस्ट्रयुल हैल्थ को बढ़ावा देने के लिएस्मार्ट सिटी मिशन के तहत शहर के अलग-अलग स्थानों में 65 सैनेटरी नैपकिन वैंडिग मशीनें तथा उनके डिस्पोजल के लिए 85 इंसीनिरेटर लगाए जा रहे हैं । जिसमें 41 सरकारी स्कूलों में 45 सैनेटरी नैपकिन वैंडिग मशीनें तथा में 65 इंसीनिरेटर लगाए जा रहें हैं । वहीं शहर की 20 जगहों गेट हकिमांवाला, गेट भगतांवाला, आईडीएच मार्केट के अंदर तथा एसआई ऑफिस के पास, रणजीत एवन्यू बी ब्लॉक मार्केट, हिदुंस्तान बस्ती, गोलबाग पीबीएन स्कूल के पास, कबीर पार्क मार्केट, कैरों मार्केट हॉल बजार, सिंकदरी गेट पॉवर हाऊस के पास, ढाब खटिकां, लाहौरी गेट,धर्मसिंह मार्केट, रामबाग पुलिस स्टेशन के पास, घी मंडी, संगला वाला अखाड़ा माई सेवइयां वाला बाजार के पास, बाबा अटल साहिब के पास, आटा मंडी चौक, पापड़ा वाला बाजार तथा काठियांवाला बाजार में स्थित पब्लिक टायलेट्स में यह सैनेटरी नैपकिन वैंडिग मशीनें तथा इंसीनिरेटर लगाए जा रहे हैं । इस मौक पर अमृतसर स्मार्ट सिटी मिशन की सीईओ तथा नगर निगम कमीश्नर कोमल मित्तल ने बताया कि 58 लाख की लागत के साथ लगाई जा रही इन मशीनों में पांच रूपऐ का सिक्का डालने पर एक सैनेटरी पैड तथा दस रूपए का सिक्का डालने पर तीन सैनटरी पैड मिलेगें । जो कि बाजार में उपलब्ध पैड्स से काफी सस्ते होगें । इन वैंडिग मशीनों में 24 घण्टें सैनेटरी पैड्स उपलब्ध रहेगें तथा कांट्रेक्टर द्वारा 5 सालों तक इन मशीनों का संचालन तथा रखरखाव भी किया जाएगा । अभी तक कुल 31मशीनें तथा 38 इंसीनिरेट लगाए जा चुके हैं तथा बाकि की मशीनें भी अगले 15 दिनों में लगा दी जाएंगी । सीईओ स्मार्ट सिटी ने बताया कि महिलाएं अपनी पीरियडस से जुड़ी दिक्कतों और परेशानियों को सामाजिक झिझक के कारण खुलकर साझा नहीं कर पाती। जिससे वह पीरियडस के दौरान घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल करती हैं I जिसका नतीजा उनकी खराब सेहत के रूप में सामने आता है। इन मशीनों से जहां महिलाओं को बेझिझक सैनेटरी पैड्स का प्रयोग करने की आजादी मिलेगी वहीं स्कूल में पढ़ने वाली लड़कियों को भी इससे सुविधा होगी तथा उनकी पढ़ाई भी प्रभावित नही होगी ।
स्मार्ट सिटी मिशन के तहत प्लान किए जा रहे प्रोजेक्टस को शहर के हर एक तबके को ध्यान में रखकर तैयारकिया जा रहा है । इसी के तहत यह सैनेटरी नैपकिन वैंडिग मशीनें लगाई जा रही हैं। देश में सिर्फ 36 प्रतिशतमहिलाएं ही सैनेटरी पैड्स का इस्तमाल कर पाती हैं तथा हर साल 2.3 करोड़ लडकियां पीरियड्स शुरू होने की आयु तक पहुंचने पर स्कूल जाना छोड़ देती है । इन मशीनों से जहां गरीब तबके की महिलाऐं और लड़कियां भी कम पैसों में पारंपारिक सैनेटरी पैड्स खरीद सकेंगी, वहीं मशीनों के साथ लगे इंसीनिरेटर से पैड्स को सही तरीकेसे डिसपोज़ भी किया जा सकेगा ।
कोमल मित्तल, सी.ई.ओ, अमृतसर स्मार्ट सिटी