400 से अधिक आउटसोर्सेस पर कार्य कर रहे मुलाजिमों को भी डीसी रेट पर रखने को भी दी गई मंजूरी
अमृतसर,2 नवंबर (राजन गुप्ता): साढे 10 महीनों के उपरांत हुई नगर निगम जनरल हाउस की मीटिंग लगातार दो घंटों तक शांत मई ढंग से चली। मीटिंग में पारित किए गए मुख्य प्रस्ताव जिसमें मोहल्ला सुधार कमेटी के तहत स्ट्रीट लाइट विभाग में कार्यरत 130 इलेक्ट्रिशियन, हेल्पर तथा 20 सीवरमैन जिन को नौकरी से निकाल दिया गया था, इनको दोबारा नौकरी पर रखने के लिए पेश किया गया।
समूचे हाउस में इन 150 मुलाजिमों को दोबारा डीसी रेट पर नौकरी पर रखने के लिए मंजूरी दे दी। हाउस की प्रोसिडिंग कल बनवा कर इन मुलाजिमों को नौकरी पर रखने के लिए पंजाब सरकार के लोकल बॉडी विभाग से मंजूरी लेने के लिए भेज दिया जाएगा। सरकार से मंजूरी आने के उपरांत इनको दोबारा नौकरी पर रख लिया जाएगा।
आउटसोर्सेस पर कार्यरत मुलाजिम डीसी रेट पर रखने को मंजूरी
नगर निगम में इस वक्त 400 से अधिक मुलाजिम आउटसोर्सेस पर कार्यरत है। एक अन्य प्रस्ताव में निगम में सभी आउटसोर्सेस पर कार्यरत मुलाजिमों को भी डीसी रेट पर रखने की मंजूरी दे दी गई है।
मीटिंग में कुल 12 प्रस्ताव पर हुई डिस्कशन
मीटिंग में आज कुल 12 प्रस्ताव पर डिस्कशन हुई। इनमें नगर निगम द्वारा 46 करोड़ रुपयों की लागत से बनाई जा रही सड़कों में कुछ सड़कों को छोड़कर इसी प्रोजेक्ट में से लगभग 26 करोड़ की लागत से गोल्डन गेट से इंडिया गेट तक बीआरटीएस रूट को बनाने का प्रस्ताव रखा गया। जिसका समूचे हाउस ने विरोध किया। पार्षदों ने कहा कि नगर निगम क्यों अपना 26 करोड़ रुपए पीडब्ल्यूडी के बीआरटीएस रूट में खर्च करें और अपनी टूटी हुई सड़कों को क्यों ना बनाए। मेयर करमजीत सिंह रिंटू ने कहा कि साल 2023 मार्च महीने में अमृतसर में जी-20 सम्मेलन होने जा रहा है। सड़के बनाने का कार्य आने वाले 1 महीने तक ही चलना है। जिस कारण इसको लेकर मुख्य मार्ग को बनवाने के लिए 46 करोड़ रुपयों के प्रोजेक्ट में से 26 करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं। इस पर फिर सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया, अगर पंजाब सरकार नगर निगम को 26 करोड रुपए की राशि जारी कर देती है। तब 26 करोड़ रुपयों की लागत से बीआरटीएस मार्ग को बनवा दिया जाएगा। यह भी निर्णय लिया गया कि 46 करोड़ रुपयों की लागत से सड़क बनवाने वाले प्रोजेक्ट को 25 प्रतिशत और बढ़ा दिया जाए। ताकि शहर की अन्य सभी सड़कें भी बन सके।
फाइनेंसियल एंड रेवेन्यू रिफॉर्म सेल का प्रस्ताव रखा गया पेंडिंग
हाउस में एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें नगर निगम की रिकवरी और वित्तीय लाभ के लिए एक फाइनेंशियल एंड रेवेन्यू रिफॉर्म सेल का गठन किए जाना है। इस सेल में प्राइवेट तौर पर चार्टर्ड अकाउंटेंट तथा अन्य विशेषज्ञ रखें जाने हैं। जिनको प्रति महीना नगर निगम 20 से 22 लाख तक सैलरी देगी। इस प्रस्ताव का भी विरोध हुआ। सीनियर डिप्टी मेयर रमन बख्शी, पार्षद महेश खन्ना, पार्षद प्रियंका शर्मा, पार्षद सुरेंदर चौधरी तथा अन्य पार्षदों ने कहा कि नगर निगम में भारी भरकम आला अधिकारी हैं। बजट में जितना भी प्रत्येक विभाग की आमदनी का लक्ष्य निर्धारित किया जाता है, अगर उक्त विभाग निर्धारित लक्ष्य अनुसार रिकवरी नहीं करता है तो उन संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध बनती कार्रवाई होनी चाहिए। इस प्रस्ताव पर भी सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया इस बारे में वित्त एंड ठेका कमेटी के 6 सदस्य और 4 सीनियर पार्षद की कमेटी इस प्रस्ताव पर पुनर्विचार करके इस पर दोबारा निर्णय देगी।
जी आई एस सर्वे और सेल स्थापित करने को मिली मंजूरी
नगर निगम के अधीन आते क्षेत्रफल का जी आईएस सर्वे करवाने और जी आई एस सेल स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी तो मिल गई। इसके लिए भी निगम की वित्त एंड ठेका कमेटी से अप्रूव करवा लेने के उपरांत आर एफपी जारी कर दिया जाएगा।
जमीनों की एनओसी देने पर वसूली जा रही राशि पर एमटीपी प्रपोजल तैयार करें
हाउस में एक अन्य प्रस्ताव जिसमें कहा गया कि माल विभाग द्वारा जारी की गई नोटिफिकेशन में गैरकानूनी ढंग से दोबारा एनओसी जारी करने पर वसूली का भी पार्षदों द्वारा विरोध किया गया। सीनियर डिप्टी मेयर रमन बख्शी ने कहा कि चंडीगढ़ से नोटिफिकेशन नगर निगम को कोई भी आता है। उस नोटिफिकेशन को हाउस के समक्ष भी रखना चाहिए। चंडीगढ़ से आए हुए नोटिफिकेशन को अधिकारी ठीक ढंग से पेश नहीं कर पाते। उन्होंने कहा कि एनओसी लेने के लिए दोबारा टैक्स लेना बिल्कुल ही गलत है। इस पर मेयर कर्मजीत सिंह रिंटू ने एमटीपी मेहरबान सिंह को मौके पर ही कहा इस संबंध में वह दोबारा से पूरी तरह से जांच करके अपनी विस्तारपूर्वक प्रपोजल जारी करें। ताकि अगली बैठक में इस पर निर्णय लिया जा सके।
प्रत्येक वार्ड में होंगे 5-5 लाख के ओएंडएम सेल के कार्य
मीटिंग में शहर की समूह वार्डों में ओ एंड एम सेल के 5-5 लाख रुपयों के कार्य करवाने को भी मंजूरी दी गई। मेयर रिंटू ने मौके पर एस ई ओ एंड एम सतेंदर कुमार को कहा कि सभी कार्य पार्षदों की सलाह के साथ ही किए जाएं। नगर निगम अधिकारियों के लिए किराए पर गाड़ियां लेने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी की।
डॉग स्टरलाइजेशन का दोबारा लगेगा टेंडर
पंजाब सरकार द्वारा डॉग स्टरलाइजेशन ( नसबंदी ) के लिए नगर निगम को एक पत्र जारी कर दिया है। जिसमें कहा गया है कि डॉग स्टरलाइजेशन के लिए पहले से निर्धारित किए गए रेट को अब बढ़ा दिया गया है। जिस कारण इसे हाउस की मंजूरी मिल गई। अब नगर निगम द्वारा डॉग स्टरलाइजेशन का दोबारा टेंडर लगाया जाएगा। जबकि पहले जारी किया गया टेंडर की टेक्निकल बिड खुल गई थी।
पार्षदों ने भी अपनी-अपनी वार्डो की समस्याएं बताई
निगम हाउस की बैठक के दौरान पार्षदों ने भी अपनी-अपनी वार्डों को लेकर समस्याएं बताई। पार्षदों द्वारा नगर निगम विभागीय प्रणाली पर भी सवाल उठाए। पार्षदों ने कहा गया कि कोई कार्य करवाने के लिए फाइल लेकर निगम कमिश्नर के पास जाते हैं तो उनकी फाइल ऊपर से नीचे दफ्तरों में और फिर नीचे से ऊपर दफ्तरों तक ही घूमती रहती है। किंतु कार्य नहीं होता। सीनियर डिप्टी मेयर ने शहर की विकराल हो रही ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर पुलिस कमिश्नर पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अगली हाउस की मीटिंग में पुलिस कमिश्नर को विशेष तौर पर आमंत्रित किया जाए और ट्रैफिक व्यवस्था पर खुलकर बात हो।
कोई विधायक नहीं आया मीटिंग में
शहर के पांचों विधायक नगर निगम हाउस के सदस्य हैं। मीटिंग में शामिल होने के लिए शहर के पांचों विधायकों को एजेंडा भेजा गया था। किंतु कोई भी विधायक निगम हाउस की मीटिंग में शामिल नहीं हुआ। नगर निगम के इस वक्त 84 पार्षद है। मीटिंग में आज कुल 55 पार्षद ही शामिल हुए।
निगम हाउस में उपस्थित 55 पार्षदों ने कर्मजीत सिंह रिंटू को मेयर माना
इसी साल फरवरी माह में विधानसभा चुनाव से पहले मेयर कर्मजीत सिंह रिंटू ने अपने कुछ पार्षद साथियों के साथ कांग्रेस पार्टी का हाथ छोड़कर आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया था। इसके बाद कांग्रेसी पार्षदों द्वारा मेयर रिंटू को पद से हटाने के लिए एक मुहिम शुरू कर दी गई थी। कांग्रेसी पार्षदों का कहना था कि अब बहुमत मेयर कर्मजीत सिंह रिंटू के साथ नहीं है और कांग्रेस पार्टी के पास बहुमत होने से उनका ही मेयर बनना चाहिए। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के उपरांत काफी संख्या में पार्षद आम आदमी पार्टी को ज्वाइन कर गए। सीनियर डिप्टी मेयर रमन बख्शी द्वारा उनके पास बहुमत होने का दावा करके पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी गई कि मेयर करमजीत सिंह रिंटू को पद से हटाया जाए। जिस पर 28 अक्टूबर को हाई कोर्ट की डबल बेंच ने सीनियर डिप्टी मेयर रमन बख्शी की याचिका को खारिज कर दिया। आज नगर निगम हाउस की बैठक में कुल 55 पार्षद मौजूद रहे और किसी भी पार्षद ने करमजीत सिंह रिंटू के मेयर होने पर किसी तरह का भी कोई भी एतराज नहीं जताया। उपस्थित पार्षदों ने करमजीत सिंह रिंटू को ही मेयर माना।
10 दिन बाद फिर बुलाई जाएगी मीटिंग
मेयर करमजीत सिंह रिंटू ने “अमृतसर न्यूज़ अपडेट्स ” से बातचीत करते हुए कहा कि कुछ तकनीकी कारणों के कारण 150 स्ट्रीट लाइट विभाग और सीवरमैन को नौकरी से फारिग किया गया, उनको दोबारा रखने के लिए हाउस की मीटिंग बुलाई है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार लोगों को नौकरियां देने के लिए आई है नाकि नौकरी से निकालने। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर लोकल बॉडी मंत्री डॉ इंद्रबीर सिंह निज्जर खुद भी सभी को दोबारा नौकरी देने के लिए प्रयासरत है। कुछ कानूनी कारणों के कारण पहले हाउस से मंजूरी लेकर अब सरकार को भेज दिया गया है। मेयर रिंटू ने कहा कि 10 दिनों के उपरांत निगम हाउस की अगली मीटिंग भी बुला ली जाएगी। उस मीटिंग में शहर के बड़े बड़े प्रोजेक्टों के साथ-साथ समूह पार्षदों की वार्डों के भी विकास के प्रस्ताव डाल दिए जाएंगे। उन्होंने अधिकारियों को भी चेतावनिया देते हुए कहा कि पार्षदों का पूरा मान सम्मान होना चाहिए। वर्क आर्डर जारी होने के उपरांत जो भी ठेकेदार कार्य को समय अवधि के भीतर पूरा नहीं करता अधिकारी उस ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करें। उन्होंने कहा कि कोई भी पार्षद जरूरी विकास कार्य करवाने के लिए जिस भी छोटे अधिकारी को कहता है, तो तुरंत जरूरी विकास कार्य होने चाहिए। अन्यथा उस अधिकारी को चार्ज शीट करवा दिया जाएगा।
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