टैक्स वापस ना करने पर ब्याज पर ब्याज लगने से 3 करोड़ से अधिक की राशि बन चुकी
बी ओ टी के आधार पर रोहन एंड राजदीप कंपनी चला रही थी शहर का बस स्टैंड, से वसूला था हाउस टैक्स
अमृतसर, 16 नवंबर (राजन): हाई कोर्ट द्वारा जारी किए गए आदेश कि रोहन एंड राजदीप कंपनी से बस स्टैंड की एवज मे वसूला गया हॉउस टैक्स वापस न करने पर कोर्ट की अवेहलना के लिए नगर निगम कमिश्नर से 18 नंबर को जवाब मांगा गया है। बी ओ टी आधार पर रोहन एंड राजदीप कंपनी बस स्टैंड चलाती थी। उस वक्त नगर निगम के हाउस टैक्स विभाग द्वारा अलग-अलग नोटिस निकालकर तथा बस स्टैंड कंपलेक्स के मुख्य ऑफिस तथा अन्य क्षेत्रो को सील करने की करवाइयो के चलते कंपनी द्वारा उस वक्त तो हाउस टैक्स विभाग को टैक्स अदा करते रहे। रोहन एंड राजदीप कंपनी द्वारा मानयोग पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में केस दायर करके कहा गया कि नगर निगम को हाउस टैक्स अदा करना नहीं बनता था। नगर निगम के दबाव के चलते उन्होंने हाउस टैक्स जमा करवा दिया। कंपनी द्वारा उन्हें कई तरह के और भी दस्तावेज तथा हाउस टैक्स सबंधी नियम कानून हाई कोर्ट में दाखिल करवाए। हाई कोर्ट द्वारा सुनवाई करने के उपरांत हाईकोर्ट के जस्टिस अमित रावल द्वारा 30 जून 2017 को आदेश जारी करके कहा कि कंपनी से वसूला हुआ हाउस टैक्स नगर निगम 10% वार्षिक ब्याज सहित अदा करें। आदेशों में यह भी कहा गया कि कंपनी ने बस स्टैंड मे स्थित जिन जिन दुकानदारों से हाउस टैक्स के रूप में जितनी भी राशि ली हुई है वह निगम से टैक्स वापस आने पर उन दुकानदारों को भी राशि वापस कर दे। नगर निगम ने जस्टिस अमित रावल द्वारा जारी किए गए आदेशों के उपरांत 19 जनवरी 2018 को कंपनी को मात्र 30 लाख रुपयों का ही चैक दिया है। इसके उपरांत निगम द्वारा कंपनी को कोई भी राशि वापस नहीं की गई। नगर निगम पर ब्याज पर ब्याज लगता चला गया 30 जून 2017 तक 2 करोड़ 33 लाख 87 हजार 334 रूपये ब्याज सहित बन चुका था। अब तक 10% वार्षिक ब्याज सहित 3 करोड़ रुपयों के भी ऊपर की राशि बनती है। 18 नवंबर को हाई कोर्ट की अवहेलना पर नगर निगम की से क्या जवाब दिया जाना है।
केस स्टडी करेंगे :संदीप रिशि
नगर निगम के एडिशनल कमिश्नर संदीप रिशि ने कहा कि इस केस को कल वह सारा स्टडी करेंगे। इस पर 18 नवम्बर को हाईकोर्ट में जवाब दे दिया जाएगा।