पूरे देश में दुर्घटनाओं का औसत पंजाब से दोगुना
अमृतसर, 3 नवंबर:परिवहन विभाग पंजाब के नेतृत्व में अग्रणी एजेंसी सड़क सुरक्षा के विशेषज्ञों का कहना है कि हर साल देश भर में डेढ़ लाख से अधिक सड़क दुर्घटनायों में हजारों लोगों की मृत्यु होती हैं।लाखों लोग जीवन भर के लिए अपंग हो जाते हैं। जिससे न केवल उनके परिवार को बल्कि समाज को भी आर्थिक नुकसान होता है। आज जिला परिषद हॉल में महानिदेशक आर वेंकट रत्नम के दिशा-निर्देशों के तहत अग्रणी एजेंसी के संयुक्त निदेशक सड़क सुरक्षा देसराज और कंवरदीप सिंह के नेतृत्व में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने कहा कि लगभग 5000 लोगों की जान पंजाब में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की जान चली जाती है, जो देश की औसत जनसंख्या दर से लगभग दोगुना है। विशेषज्ञों का कहना है कि सड़क की तकनीकी खामियां, खराब यातायात प्रबंधन भी सड़क दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं, लेकिन ज्यादातर दुर्घटनाएं तेज गति और गलत दिशा से आने के कारण होती हैं। विशेषज्ञों ने कहा कि अब तक किए गए शोध से पता चलता है कि ज्यादातर दुर्घटनाएं शाम 6 बजे से रात 9 बजे के बीच होती हैं और दुख की बात है कि दुर्घटनाओं में मरने वाले 69 प्रतिशत लोगों की उम्र 18 से 45 वर्ष के बीच होती है।
प्रयासों से पंजाब में सड़क दुर्घटनाओं को 50 प्रतिशत तक कम किया जा सकता
आज अमृतसर, तरनतारन, बटाला, गुरदासपुर और पठानकोट जिलों के यातायात से सीधे संबंधित विभागों के प्रमुखों की बैठक हुई, जिनमें पुलिस, ट्रैफिक पुलिस, लोक निर्माण विभाग, मंडी बोर्ड, राष्ट्रीय राजमार्ग, शिक्षा, स्वास्थ्य और परिवहन विभाग शामिल हैं। विशेषज्ञों को दिन भर दी गई शिक्षा में इस बात पर जोर दिया गया कि आपके बढ़िया प्रयासों से पंजाब में सड़क दुर्घटनाओं को 50 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय पर दी गई प्राथमिक चिकित्सा से कीमती जान बचाई जा सकती है।
समाज के हर वर्ग का सहयोग करना बहुत जरूरी
अपर उपायुक्त हरप्रीत सिंह ने प्रशिक्षण की शुरुआत करते हुए कहा कि दिन-ब-दिन बढ़ती यातायात की समस्या एवं सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए समाज के हर वर्ग का सहयोग करना बहुत जरूरी है। उन्होंने आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि सीट बेल्ट, गति सीमा, वाहनों पर रिफ्लेक्टर लगाने, सिर पर हेलमेट पहनने के अलावा अन्य यातायात नियमों का ठीक से पालन करना चाहिए। इस अवसर पर संयुक्त निदेशक ट्रैफिक लीड एजेंसी रोड सेफ्टी देसराज ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ट्रैफिक पुलिस के प्रतिनिधियों को स्कूलों, कॉलेजों और अन्य सामाजिक मंचों पर जाकर आम जनता को यातायात नियमों के बारे में लगातार जागरूक करना चाहिए। इसके अलावा शिक्षा विभाग को स्कूलों में भी बच्चों को इस विषय पर जागरूक करना चाहिए, ताकि बच्चे भी यातायात नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित हो सकें। इस अवसर पर मैडम कीर्ति धनोआ, डॉ. विनीत चतरथ, राजीव शरद एवं नवल किशोर ने आये हुए अधिकारियों एवं कर्मचारियों को विभिन्न विषयों पर शिक्षा दी।
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