अमृतसर,5 जुलाई: नगर निगम के अपने विभागों की आमदनी का बुरा हाल है। निगम एमटीपी विभाग को छोड़कर बाकी सभी विभाग अपनी आमदनी के लक्ष्य से बहुत ही पीछे चल रहे हैं। एमटीपी विभाग को एक मल्टी स्टोरी होटल का नक्शा मंजूर करने पर 5.87 करोड रुपए टैक्स एकत्रित हो गए । निगम के कमाई वाले अन्य विभाग जिन में प्रॉपर्टी टैक्स विभाग का वार्षिक लक्ष्य 50 करोड़ रुपए है। 1 अप्रैल से 5 जुलाई 2024 तक 3.10 करोड़ रुपये एकत्रित हुए हैं। निगम के एस्टेट विभाग के सेल का लैंड पिछले लंबे अरसे से नहीं हो रही है। इस विभाग से रेंट और तहबाजारी का भी टैक्स कम आ रहा है। लाइसेंस विभाग अपने लक्ष्य से काफी पीछे चल रहा है।इस वित्त वर्ष में आज तक लाइसेंस की 10.58 लाख रुपया फीस आई है।इसी तरह से कंज्रवेंसी टैक्स भी कम आया है। निगम के विज्ञापन विभाग को कंपनी को दिए हुआ ठेका की राशि तो मिल रही है। किंतु विज्ञापन विभाग बड़े-बड़े शॉपिंग मॉलज, बड़ी-बड़ी प्राइवेट बिल्डिंग औऱ अन्य जगह पर लगे बड़े-बड़े विज्ञापनों से टैक्स एकत्रित नहीं कर रहा है।
एमसेवा पोर्टल में तकनीकी खामी
पिछले लंबे समय से एमसेवा पोर्टल की तकनीकी खामियों के कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं पोर्टल स्लो होने के कारण पानी-सीवरेज, प्रापर्टी टैक्स या अन्य पेमेंट की रसीद आधा-आधा घंटे तक जेनरेट नहीं हो पा रही है। वहीं ऑनलाइन पेमेंट करने वाले लोगों को भी निगम के 2 से 3 चक्कर काटने पड़ रहे हैं। ऑनलाइन पेमेंट करने पर बैंक से तो पैसे कट रहे हैं लेकिन उनको रसीद नहीं मिल पा रही, जिसके बाद उन्हें ऑनलाइन पेमेंट करने के बावजूद सिटीजन फेसिलिटेशन सेंटर के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। वहीं लोगों के साथ-साथ सीएफसी स्टाफ भी परेशान हो रहा है। लोग मैन्युअल रसीद देने की जिद्द भी कर रहे हैं। लेकिन सीएफसी का स्टाफ मैन्युअल रासीद नहीं दे सकता।
कमर्शियल आदारों को पानी सीवरेज बिल जेनरेट नहीं हो रहे
पानी-सीवरेज बिलों की रिकवरी में तेजी लाने के लिए अमृतसर अर्बन वाटर एंड वेस्ट वाटर मैनेजमेंट कंपनी बनाई गई है। वहीं एमसेवा पोर्टल में बिलिंग सही ढंग से नहीं हो पा रही है।1 अप्रैल से लेकर आज तक शहर के किसी भी कमर्शियल यूनिट को पानी- सीवरेज बिल जेनरेट नहीं हो रहे हैं।कॉमर्शियल बिलिंग के लिए अभी साफ्टवेयर तैयार नहीं है।वहीं जो बिल आ रहे हैं, वह सिर्फ मौजूदा रिहायशी जारी हो रहे हैं। नगर निगम का पानी -सीवरेज बिल का पुराना बकाया भी करोड़ों रुपए में है, वह भी जेनरेट नहीं हो रहा है।पिछले साल अभी तक निगम के पास पानी-सीवरेज के बिलों की 2.87 करोड की राशि आई थी। वहीं इस साल अभी तक सिर्फ 54 लाख ही जमा आ है। सही ढंग से बिलिंग न होने से रिकवरी कॉफी गिरी है।
पोर्टल में आ रही तकनीकी खामियां ठीक हो जाएंगी
नगर निगम कमिश्नर हरप्रीत सिंह ने बताया कि एमसेवा पोर्टल में कुछ तकनीकी मुश्किलें आ रही हैं। इस बारे में पीएमआईडीसी को लिखित में भेज चुके हैं।निगम की तरफ से लगभग हर हफ्ते में ई-मेल से शिकायत भेजी जा रही है। वहीं लोगों की मुश्किलें हल करने के लिए टीम दिन रात काम कर रही हैं। आने वाले दिनों में तकनीकी खामियां ठीक हो जाएंगी।
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