
अमृतसर,13 फरवरी(राजन):नेशनल टोबैको कंट्रोल प्रोग्राम के तहत चीफ खालसा दीवान नर्सिंग स्कूल में एक वर्कशॉप के दौरान सिविल सर्जन डॉ चरणजीत सिंह ने कहा कि कोविड -19 के दौरान तंबाकू घातक और धूम्रपान और भी खतरनाक हो सकता था। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हृदय रोग के कारण दुनिया में 12% मौतें (सक्रिय / निष्क्रिय धूम्रपान) के कारण होती हैं। सक्रिय धूम्रपान का मतलब है कि जो लोग खुद धूम्रपान करते हैं, वे तंबाकू के दुष्प्रभावों से प्रभावित होते हैं, और निष्क्रिय धूम्रपान का मतलब है कि वे लोग जो स्वयं धूम्रपान नहीं करते हैं, लेकिन धूम्रपान करने वालों के संपर्क में हैं, अनजाने में बीमार हैं। तम्बाकू के धुएं में लगभग 40,000 विभिन्न रसायन होते हैं, जो बदले में कैंसर पैदा करते हैं। । उन्होंने कहा कि प्रत्येक शैक्षणिक संस्थान के 100 गज के दायरे में तंबाकू उत्पादों की बिक्री / खपत निषिद्ध है और साथ ही 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को तम्बाकू उत्पादों की बिक्री और खपत निषिद्ध है। राज्य में ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत ई-सिगरेट को गैरकानूनी घोषित किया गया है। जुवेनाइल जस्टिस (केयर एंड प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन) एक्ट 2015 के तहत, एक बच्चे को तंबाकू का सेवन करने पर सात साल तक की जेल हो सकती है।

जिला नोडल अधिकारी एनटीसीपी कम डीडीएचयू डॉ शरणजीत कौर सिद्धू ने कहा कि आज की वर्कशाप का मुख्य उद्देश्य 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के युवा पीढ़ी में कम उम्र के धूम्रपान की रोकथाम के बारे में जागरूकता पैदा करना था। खैनी,, गुटका और हुक्का जैसी तंबाकू खाने की आदतें बढ़ रही है। डॉ सौरव जॉली ने एक पीपीटी में कहा कि धूम्रपान करने वाले तंबाकू के साथ मौखिक तंबाकू, गले का कैंसर और फेफड़ों का कैंसर जुड़ा हुआ है। होने का खतरा सबसे अधिक है। इसलिए हमारे लिए इससे बचना बहुत जरूरी है। डिप्टी मास मीडिया ऑफिसर अमरदीप सिंह, प्रिंसिपल मैडम दर्शन सोही, नर्सिंग कॉलेज के सभी कर्मचारी और छात्र इस अवसर पर उपस्थित थे ।

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