
अमृतसर,6 अक्टूबर(राजन गुप्ता): सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर एक और बड़ा खुलासा सामने आया है।मार्च 2022 में पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है। तब से ही नगर निगम अधिकारी नगर निगम में जो भी कमिश्नर आए और सत्ताधारी पार्टी के एमएलए को बस यही कहते रहे कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर जिस कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया हुआ है, उसको वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाने के लिए 25 एकड़ जमीन देनी थी। जबकि डंप में इतनी जमीन नहीं है। जमीन को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में केस चल रहे हैं। अगर जिस कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया हुआ है, उसका ठेका रद्द किया तो कंपनी हाई कोर्ट में आर्बिट्रेशन केस के माध्यम से नगर निगम से सैकड़ो करोड़ रुपए का दावा दायर कर देगी। जिस पर नगर निगम कमिश्नर और सत्ताधारी विधायक चुप कर जाते। किंतु इसमें वास्तविकता तो कुछ ओर ही है।
मई 2023 में हाई कोर्ट से नगर निगम के हक में आया केस
हाई कोर्ट में डंप की कुछ जमीन को लेकर केस चल रहा था। यह केस पहले कई महीनो से चल रहा था। इस ओर नगर निगम के अधिकारियों ने कोई विशेष ध्यान नहीं दिया था। जिस कारण इस केस पर तारीख पर तारीख डल रही थी। इसी बीच नगर निगम के तत्कालीन कमिश्नर कुमार सौरव राज द्वारा डंप की जमीन की डिजिटल मेईजरमेंट करवाई गई। पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में 17 मई 2023 को डंप जमीन का केस नगर निगम के हक में आ गया। इसकी जानकारी तत्कालीन नगर निगम कमिश्नर को ” अमृतसर न्यूज अपडेट्स “द्वारा दी गई। इसी बीच तत्कालीन निगम कमिश्नर कुमार सौरव राज का नगर निगम अमृतसर से तबादला हो गया। किंतु बड़ी ही हैरानी की बात है, नगर निगम की हक में आए केस के 16 महीने बीत गए हैं। किंतु नगर निगम अधिकारियों ने अभी तक भी पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट से केस जीतने के उपरांत भी कंपनी को वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाने के लिए जमीन को हैंड ओवर नहीं किया गया। क्या नगर निगम के अधिकारी यही चाहते थे कि जब कंपनी का ठेका रद्द किया जाएगा, कंपनी हाई कोर्ट में जाकर नगर निगम के विरुद्ध आर्बिट्रेशन का केस दायर कर दे। इसकी अगर उच्च स्तरीय जांच की जाए तो नगर निगम के अधिकारियों पर गाज अवश्य गिरेगी।
हाई कोर्ट में नगर निगम के हक में आदेश की कॉपी।


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