अमृतसर,26 अक्टूबर:दून इंटरनैशनल स्कूल, अमृतसर ने कला प्रदर्शनी “चित्रकथा का आयोजन किया, जो शहर में अपनी तरह का पहला आयोजन था। इस असाधारण प्रदर्शनी में कक्षाओं को भारत के विविध राज्यों के जीवंत प्रतिरूप में बदल दिया, जिसमें देश भर की अनूठी संस्कृतियों, कला रूपों और ऐतिहासिक स्थलों पर प्रकाश डाला गया। प्रत्येक कक्षा ने एक राज्य विशेष का प्रतिनिधित्व किया जो कक्षा को प्रतिष्ठित शिल्प कलाकृतियों और प्रसिद्ध स्मारकों के प्रतिरूपों से सजाया गया, जिससे भारत की समृद्ध विरासत की सौंदर्य झलक देखने को मिली।प्रदर्शनी में अकादमिक शिक्षा और सह-पाठ्यचर्या गतिविधियों का का एक आदर्श संगम दिखाया गया, जिसमें परियोजना- आधारित शिक्षा और कला एकीकरण पर जोर दिया गया। छात्रों ने अपने-अपने राज्यों की कलाओं, पारंपरिक नृत्यों और स्थानीय शिल्पों पर शोध कर उत्कृष्ट ढंग से प्रस्तुति दी।जिससे अभिभावकों तथा दर्शकों को एक अनूठा अनुभव मिला। प्रत्येक कक्षा के दरवाजे प्रसिद्ध स्मारकों का प्रतिनिधित्व करते हुए इस प्रकार सजाए गए थे मानो वे राज्यों के प्रवेश द्वार हों, जिससे प्रदर्शनी एक सच्ची सांस्कृतिक यात्रा की भांति प्रतीत हो रही थी।राज्य प्रदर्शनों के अलावा, इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय महत्व के समकालीन विषयों पर चर्चा करने वाले सत्र भी शामिल थे। छात्रों ने अनुच्छेद 370 पर चर्चा करते हुए एक मॉक संसद सत्र का नेतृत्व किया, जिसमें इसके ऐतिहासिक, कानूनी और सामाजिक राजनीतिक प्रभाव को प्रस्तुत किया गया।
भारत की उपलब्धि चंद्रयान-3 को उत्सव के रूप में मनाना
एक अन्य मुख्य आकर्षण था अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की उपलब्धि चंद्रयान-3 को उत्सव के रूप में मनाना, जिसमें अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की उपलब्धियों को दर्शाया गया, साथ ही जी 20 पर एक प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका पर बल दिया गया। इस कला प्रदर्शनी ने छात्रों और आगंतुकों को एक व्यापक, शैक्षिक अनुभव प्रदान किया।
दून संस्थान की समग्र शिक्षा और नवीन शिक्षण पद्धतियों के प्रति समर्पण
इस कार्यक्रम में अमृतसर के डीसीपी लॉ एंड ऑर्डर आलम विजय सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए साथ ही दून स्कूल के चेयरमैन राजीव शर्मा, निर्देशिका श्रीमती मेघना शर्मा, प्रिंसिपल श्रीमती ध्वनि सिंह, दून इंटरनेशनल स्कूल की वाइस प्रिंसिपल श्रीमती विनीशा शर्मा सहित शहर के गणमान्य लोग शामिल हुए। कला प्रदर्शनी ने दून संस्थान की समग्र शिक्षा और नवीन शिक्षण पद्धतियों के प्रति समर्पण का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत किया।” चित्रकथा” छात्रों के लिए भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विविधता से गहराई से जुड़ने के लिए एक असाधारण मंच था, जिससे उन्हें अकादमिक ज्ञान को व्यावहारिक परियोजनाओं में लागू करने की समझ प्रदान की। इसमें न केवल सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डाला, बल्कि पाठ्यपुस्तकों से परे सीखने की कला पर भी प्रकाश डाला गया, जिसने स्कूल की शैक्षिक यात्रा पर एक अमिट छाप छोड़ी और अमृतसर में भविष्य की प्रदर्शनियों के लिए एक मानक स्थापित किया।
दून स्कूल हमेशा से ही उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध रहा
दून स्कूल हमेशा से ही उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध रहा है जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण है दून स्कूल को अमृतसर का नंबर 1 तथा पंजाब में नंबर 2 सह-शिक्षा सीनियर सेकेंडरी स्कूल का दर्जा दिया गया है।स्मार्ट क्लास रूम, विभिन्न खेलों के लिए विशाल खेल के मैदान सभी आधुनिक सुविधाओं से युक्त इन्डोर स्पोर्ट्स काम्पलेक्स, स्विमिंग पूल जैसी सुविधाओं से युक्त दून स्कूल देश के सर्वश्रेष्ठ सह-शिक्षा विद्यालयों में से एक के रूप में अपनी पहचान बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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