अमृतसर, 22 दिसंबर: इस बार नगर निगम के हाउस से बड़े-बड़े दिग्गज नेता गायब हो गए हैं। इस बार के नगर निगम चुनाव में कुछ दिग्गज नेताओं के विकेट भी गिर गए हैं। पिछले नगर निगम हाउस की बात करें तो तब कांग्रेस पार्टी के निगम हाउस में मेयर करमजीत सिंह रिंटू, सीनियर डिप्टी मेयर रमण बख्शी, डिप्टी मेयर यूनुस कुमार थे। मेयर करमजीत सिंह रिंटू ने तो फरवरी 2022 में ही कांग्रेस पार्टी का हाथ छोड़कर आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया था। इस बार करमजीत सिंह रिंटू ने तो निगम का चुनाव लड़ा ही नहीं है। सीनियर डिप्टी में रमण बख्शी की वार्ड लेडिस हो जाने के कारण उन्होंने भी इस बार चुनाव नहीं लड़ा है। डिप्टी मेयर यूनुस कुमार की बात कर तो चार बार के पार्षद यूनुस कुमार ने वार्ड नंबर 68 से कांग्रेस पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा किंतु उनको भाजपा की उम्मीदवार विकास गिल ने पराजित कर दिया। यूनुस कुमार को 2449 वोट पड़े और विकास गिल को 2779 वोट पड़े। इस तरह से पिछले निगम हाउस के तीनों दिग्गज बनने वाले हाउस से गायब हो गए हैं।
यह दिग्गज भी चुनाव हारे
तीन बार के कांग्रेसी पार्षद महेश खन्ना भी इस बार के हाउस का हिस्सा नहीं बनेंगे। निगम हाउस की मीटिंग में तेजतरारी से बोलने वाले और नगर निगम एक्ट की जानकारी रखने वाले महेश खन्ना को आम आदमी पार्टी के विक्की दत्ता ने पराजित कर दिया है। कांग्रेसी उम्मीदवार महेश खन्ना को 1841 वोट मिले जबकि विक्की दत्ता ने 2311 हासिल किए। चार बार की कांग्रेस पार्षद रही ममता दत्ता भी इस बार पराजित हो गई है। भाजपा की उम्मीदवार रजनी ने पराजित किया है। ममता दत्ता को 1302 वोट मिले जबकि रजनी ने 2704 वोट हासिल किए। वार्ड नंबर 4 में भी इस बार रोचक मुकाबला आया है। इस वार्ड पर तीन बार श्वेत मलिक पार्षद चुने चुके हैं। अमृतसर के मेयर, राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं। यह वार्ड बीजेपी का गढ़ मानी जाती है। किंतु इस वार्ड पर साल 2018 में सी ए विजय उमट की पत्नी कांग्रेस की सीट पर विजय हुई थी। इस बार कांग्रेस ने विजय उमट को टिकट दी थी। भाजपा ने इस वार्ड पर भारतीय युवा मोर्चा के दिग्गज नेता गौतम अरोड़ा को मैदान में उतारा था। वार्ड नंबर 4 में आजाद उम्मीदवार मनदीप सिंह औजला इन दोनों उम्मीदवारों को पराजित करके वार्ड नंबर 4 पर कब्जा जमा लिया है। इसी तरह से कहीं पुराने दिग्गज पार्षदों ने इस बार चुनाव भी नहीं लड़ा हैं। जिसमें पूर्व पार्षद सुरेंद्र सिंह या उनकी पत्नी पांच बार पार्षद रहे हैं। इस बार उनका नामांकन पत्र ही रद्द हो गया। पिछले नगर निगम हाउस में विपक्षी दल के नेता संध्या सिक्का भी इस बार हाउस का हिस्सा नहीं बन रही है। इसी तरह से पुराने कुछ पार्षद चुनाव मैदान में नहीं उतरे। तीन बार के पार्षद जीत सिंह भाटिया भी इस बार चुनाव हार गए हैं।
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