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पंजाब सरकार की कैबिनेट की मीटिंग में:शराब नीति में कई शुल्क किए गए कम

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान कैबिनेट की मीटिंग करते हुए।

अमृतसर, 27 फरवरी: पंजाब सरकार की कैबिनेट की मीटिंग में शराब नीति में कई शुल्क काम किए गए हैं। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि उनकी सरकार आने से पहले राज्य में कांग्रेस पार्टी की सरकार थी, उस समय आबकारी से कुल राजस्व 6100 करोड़ रुपये था। हमारी सरकार आने के बाद नई आबकारी नीति आई और राजस्व में लगातार बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल हमने दस हजार 145 करोड़ का राजस्व तय किया था। उसमें से दस हजार 200 करोड़ सरकार के खाते में आने वाले हैं। जबकि मार्च महीने का राजस्व आना अभी बाकी है। 11 महीने से जो ट्रेंड चल रहा है, उससे साफ पता चलता है कि 11200 करोड़ राजस्व आने वाला है। इस साल 11 हजार 20 करोड़ राजस्व का लक्ष्य तय किया गया है। हमें उम्मीद है कि हम लक्ष्य को पूरा कर लेंगे। चीमा ने कहा कि 2022 में टेंडर के जरिए शराब के ठेके आवंटित किए गए, 2023 में नवीनीकरण किया जाएगा, जबकि 2024 में ड्रा के जरिए ठेके आवंटित किए गए।

207 ग्रुप बनाए गए

इस बार 207 ग्रुप बनाए गए हैं। समूह का आकार 40 करोड़ रखा गया। प्लस माइंस को 25 प्रतिशत रखा गया है। देशी शराब के लिए तीन प्रतिशत कोटा रखा गया है। भूतपूर्व सैनिकों के लिए थोक शराब लाइसेंस फीस पहले पांच लाख थी, अब फीस घटाकर ढाई लाख रुपए कर दी गई है। पहले फार्म में शराब रखने का लाइसेंस सिर्फ 12 शराब की बोतलों का था।इसमें बदलाव कर अब 36 बोतलें कर दी गई हैं। लाइसेंस धारक अब बीयर और वाइन रख सकेंगे। बीयर की
एक्सक्लूसिव दुकानों की लाइसेंस फीस घटा दी गई है।
पहले फीस दो लाख थी, जिसे अब बढ़ाकर 25 हजार
प्रति दुकान कर दिया गया है। नया बॉटलिंग प्लांट लगानेकी अनुमति दी गई है। काऊ सेस एक रुपए प्रति लीटर से बढ़ाकर डेढ़ रुपए कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री तीर्थ स्कीम में बदलाव

मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा में भी कैबिनेट मीटिंग में संशोधन
किया गया है। अब स्कीम ट्रांसपोर्ट विभाग की जगह रेवन्यू विभाग के अधीन आ गई। सीएम द्वारा एक समिति गठित की जाएगी। मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा में कौन से धार्मिक स्थान शामिल होंगे। इसके लिए बाद विस्तार से प्रोग्राम जारी किया जाएगा। यह कमेटी ही सारी चीजों को देखेगी

पानी दूषित करने पर 15 लाख तक जुर्माना

कैबिनेट मीटिंग में जल संशोधन एक्ट 2024 को मंजूरी दी गई। उसके बड़ा संशोधन किया गया । पहले नियम तोड़ने पर तीन महीने से साल तक की सजा होती थी। अब नियम तोड़ने पर जेल नहीं, जबकि पांच हजार से 15 लाख तक जुर्माना भरना पड़ेगा | भारत सरकार ने एक्ट में पहले ही संशोधन किया है। इससे पहले 18 राज्यों में इसमें संशोधन किया। अब पंजाब ने इसमें संशोधन किया है। विभाग में सेक्रेटरी स्तर का का एग्जीक्यूटिव अफसर नियुक्त किया। उसके लिए चेयरमैन भी बनेगा। कंसेट में कोई संशोधन नहीं करेगा। बड़ा अपराध करने पर पुरानी सजा प्रावधान रहेगा।

अब जन्म मौत रजिस्ट्रेशन में हुआ बदलाव

पंजाब मौत रजिस्ट्रेशन एक्ट 2004 में संशोधन किया गया। अब बच्चा पैदा होने के बाद पेरेंट्स एक साल में यदि बच्चे का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाते हैं तो उन्हें अदालत में जाना नहीं पड़ेगा। बल्कि यह काम डिप्टी कमिश्नर की अनुमति से हो जाएगा। इा दौरान परिजनों को सेल्फ डिक्लेरेशन देना होगा। किसी भी व्यक्ति किसी भी बीमारी से मौत होती है। तो उसके डेथ सर्टिफिकेट में में मौत का कारण डॉक्टरों को लिखना पड़ेगा।उम्मीद है कि इससे काम पारदर्शिता आएगी।

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