कैबिनेट मंत्री ने विद्यार्थियों को बाबा साहब के पदचिन्हों पर चलने का संदेश दिया

अमृतसर, 14 अप्रैल(राजन): डॉ. भीमराव अंबेडकर कहते हैं कि शिक्षा शेरनी का दूध है, इसे पीने वाले ही दहाड़ेंगे। उन्होंने हमेशा शोषित और पिछड़े वर्गों के समग्र कल्याण में शिक्षा के महत्व पर जोर दिया। उनके प्रयासों के कारण कई शैक्षणिक संस्थान स्थापित हुए, जिससे हजारों छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिला। यह बातें पंजाब के कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी में व्यक्त की, जहां डॉ. बीआर अंबेडकर की 134वीं जयंती पर उनके चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए। इस अवसर पर डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी, एसडीएम खुशप्रीत सिंह, रजिस्ट्रार करनजीत सिंह चहल, डीसीपी आलम विजय सिंह, मैडम सुहिंदर कौर, प्रोफेसर कुलजीत कौर, डॉ. विक्रम संधू के अलावा बड़ी संख्या में विद्यार्थी व लोग उपस्थित थे।

डॉ. अंबेडकर के अथक प्रयास हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री ने बाबा साहेब डा. भीम राव अंबेडकर को उनकी जयंती पर बधाई देते हुए कहा कि हम ऐसे महान व्यक्तित्व को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जिनके विजन और अथक प्रयासों ने एक समावेशी और प्रगतिशील भारत की नींव रखी। उन्होंने यह भी कहा कि संविधान के मुख्य निर्माता डॉ. अंबेडकर सिर्फ एक कानूनी विद्वान ही नहीं थे, बल्कि एक क्रांतिकारी विचारक, समाज सुधारक और समानता के पक्षधर थे। उन्होंने कहा कि जाति आधारित भेदभाव को खत्म करने और सामाजिक समानता को बढ़ावा देने के लिए डॉ. अंबेडकर के अथक प्रयास हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब ने हाशिए पर पड़े लोगों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी और एक समावेशी समाज बनाने के लिए काम किया। उन्होंने महिला अधिकारों और शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण सुधारों का नेतृत्व किया, जिनमें हिंदू कोड बिल और मातृत्व लाभ की शुरूआत शामिल थी।इससे पहले डीसी साहनी ने विद्यार्थियों को बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के जीवन व इतिहास पर प्रकाश डालते हुए उनके पदचिह्नों पर चलने का संदेश दिया।

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