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67.84 करोड़ रुपये की राहत महज़ माफ़ी नहीं बल्कि अनुसूचित जाति भाईचारे के परिवारों के संघर्ष के प्रति सम्मान का प्रकटीकरण : मुख्यमंत्री मान

अमृतसर, 8 जून (राजन गुप्ता):मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज कहा कि पंजाब सरकार राज्य के कमज़ोर और पिछड़े वर्गों की भलाई के लिए ईमानदारी से जुटी हुई है और इसमें कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जा रही है।आज यहां लाभार्थियों को कर्ज़ माफ़ी के प्रमाणपत्र सौंपने के लिए आयोजित समारोह के दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आम आदमी को और अधिक सक्षम बनाने के लिए मिशनरी भावना से लोगों की सेवा कर रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार अपनी कलम का उपयोग समाज के ज़रूरतमंद और पिछड़े वर्गों की मदद के लिए कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोगों की अधिक से अधिक भलाई सुनिश्चित कर रही है ताकि समाज के हर वर्ग को इसका लाभ मिल सके।

पिछली सरकारों द्वारा अमीर लोगों के कर्ज़ माफ़ किए जाते थे

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों द्वारा अमीर लोगों के कर्ज़ माफ़ किए जाते थे जबकि गरीब लोगों की भलाई की कोई परवाह नहीं की जाती थी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब के इतिहास में पहली बार राज्य के पिछड़े और कमज़ोर वर्गों को यह राहत मिली है। उन्होंने कहा कि यह इसलिए संभव हुआ है क्योंकि पहली बार राज्य का बजट आम आदमी की भलाई के लिए रखा गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सरकारी खजाने का एक-एक पैसा सार्वजनिक भलाई पर खर्च कर रही है।

राज्य सरकार शिक्षा क्षेत्र को सबसे अधिक प्राथमिकता दे रही है

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य सरकार शिक्षा क्षेत्र को सबसे अधिक प्राथमिकता दे रही है क्योंकि इससे कमज़ोर और पिछड़े वर्गों की भलाई के लिए नए रास्ते खुलते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा प्रत्येक व्यक्ति की सफलता के लिए कुंजी है और राज्य के प्रत्येक युवा के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब सरकार के पास राज्य में शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए धन की कोई कमी नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों के दौरान सार्वजनिक भलाई वाले और खुशी के ऐसे कार्य बहुत कम होते थे। उन्होंने कहा कि अब एक नए युग की शुरुआत हुई है जब सरकार द्वारा आए दिन नए प्रोजेक्ट जनता को समर्पित किए जा रहे हैं और युवाओं को नौकरियाँ मिल रही हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह ‘रंगला पंजाब’ की झलक है और राज्य सरकार अब खुशी के ऐसे समारोहों के माध्यम से लोगों की सुविधा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है।

67.84 करोड़ रुपये की कर्ज़ माफ़ी से लगभग 4800 परिवारों को लाभ मिला

मुख्यमंत्री ने कहा कि 67.84 करोड़ रुपये की कर्ज़ माफ़ी से लगभग 4800 परिवारों को लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि पंजाब अनुसूचित जातियां भूमि विकास एवं वित्त निगम (पी.एस.सी.एफ.सी.) द्वारा 31 मार्च, 2020 तक बांटे गए कर्ज़ों पर लकीर फेर दी गई है। उन्होंने बताया कि यह माफ़ी पी.एस.सी.एफ.सी. द्वारा उपरोक्त तिथि तक बांटे गए सभी कर्ज़ों के लिए है जिससे एस.सी. समुदाय और दिव्यांग वर्ग के कर्ज़दारों को अत्यधिक आवश्यक राहत मिली है। इस कदम से कुल 4,727 कर्ज़दारों को 67.84 करोड़ रुपये की कुल राशि का लाभ होगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि कुल 4,727 कर्ज़दार थे जिनमें 4,685 डिफ़ॉल्ट कर्ज़दार और 42 नियमित कर्ज़दार हैं, इस कर्ज़ माफ़ी योजना के तहत आएंगे।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ‘कोई आपत्ति नहीं’ प्रमाण पत्र (नो ड्यू सर्टिफिकेट) जारी किए जाएंगे। उन्होंने आगे बताया कि 30 अप्रैल, 2025 तक गणना की गई मूल, ब्याज और दंड ब्याज सहित देय 67.84 करोड़ की पूरी राशि राज्य सरकार द्वारा पी.एस.सी.एफ.सी. को वापस की जाएगी।उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण बात यह है कि जिन कर्ज़दारों ने पहले भी कर्ज़ माफ़ी योजनाओं का लाभ प्राप्त किया है, वे भी इस माफ़ी योजना का लाभ लेने के लिए योग्य माने जाएंगे। उन्होंने कहा कि कर्ज़ माफ़ी के बाद पी.एस.सी.एफ.सी. के नियमों के तहत कर्ज़ लेने वालों के विरुद्ध वसूली के लिए कोई कार्यवाही शुरू नहीं की जाएगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि कट-ऑफ तिथि तक उनके खातों को पूरी तरह से तय माना जाएगा।

जनगणना के अनुसार अनुसूचित जाति समुदाय की जनसंख्या पंजाब की कुल जनसंख्या का 31.94 प्रतिशत

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार अनुसूचित जाति समुदाय की जनसंख्या पंजाब की कुल जनसंख्या का 31.94 प्रतिशत है। इस समुदाय के बहुत से सदस्यों ने अपनी आर्थिक तरक्की के उद्देश्य से स्वरोजगार का उद्यम स्थापित करने के लिए पी.एस.सी.एफ.सी. से कर्ज़ लिया था। हालांकि, उन्होंने कहा कि कुछ कर्ज़दार बाहरी परिस्थितियों के कारण कर्ज़ वापस करने में असमर्थ रहे हैं, जिसके कारण वे डिफ़ॉल्ट हो गए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस माफ़ी योजना के लागू होने से अनुसूचित जाति समुदाय के आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों और दिव्यांग वर्ग के 4,727 लाभार्थियों को 67.84 करोड़ की राहत मिलेगी जिसमें 30.02 करोड़ रुपये मूल राशि, 22.95 करोड़ रुपये ब्याज और 14.87 करोड़ रुपये का दंड ब्याज शामिल है (जो 30 अप्रैल, 2025 तक गणना किया गया है)।

सरकार का यह प्रयास उनके मान-सम्मान को बहाल करने

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का यह प्रयास उनके मान-सम्मान को बहाल करने और समाज में सम्मानजनक जीवन जीने के योग्य बनाने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि इस माफ़ी योजना के तहत लाभार्थी अपने परिवारों की सहायता के लिए नए उद्यम के वास्ते मुक्त वित्तीय स्रोतों का उपयोग कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि कर्ज़ माफ़ी से पी.एस.सी.एफ.सी. को भविष्य में अनुसूचित जातियों के अन्य योग्य व्यक्तियों को नए कर्ज़ देने में भी सक्षम बनाएगा। उन्होंने कहा कि यह योजना सिर्फ कर्ज़ माफ़ी तक सीमित नहीं है बल्कि समुदाय का मान-सम्मान बहाल करने, इंसाफ देने और नई शुरुआत के लिए अवसर प्रदान करती है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस कदम ने दशकों से कर्ज़ के बोझ तले दबे परिवारों के लिए राहत और मान-सम्मान वाला जीवन जीने की नई शुरुआत की है।

सिर्फ वादे ही नहीं करते बल्कि उन्हें पूरा भी करते हैं

मुख्यमंत्री ने कहा कि ये परिवार घर के कमाने वाले सदस्य का देहांत हो जाने, लंबी बीमारी के कारण सारी बचत खत्म हो जाने या आय का कोई अन्य साधन न होने जैसी परिस्थितियों के कारण अपने कर्ज़ वापस नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का मानना है कि ऐसे लोगों से इस कर्ज़ की वसूली करना सरासर बेइंसाफी है जिसके कारण कर्ज़ माफ़ करने का फैसला किया गया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि वह सिर्फ वादे ही नहीं करते बल्कि उन्हें पूरा भी करते हैं जबकि पिछली सरकारों ने अनुसूचित जाति समुदाय को सिर्फ वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि आप सरकार अनुसूचित जाति समुदाय के परिवारों के दुख-दर्द को समझती है और उन्हें हमेशा बराबरी, बनते हक और मान-सम्मान दिया है।इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा, डॉ. बलजीत कौर, हरभजन सिंह ई.टी.ओ., लाल चंद कटारूचक्क और कुलदीप सिंह धालीवाल के अलावा अन्य शख्सियतें हाज़िर थीं।

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