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बाढ़ प्रभावित लोगों को मुआवज़ा देने की प्रक्रिया में तेज़ी लाई जाए : डिप्टी कमिश्नर

बाढ़ प्रभावित लोगों को मुआवजा प्रदान करने के संबंध में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक करती हुईं डीसी साक्षी साहनी।

अमृतसर, 8 सितंबर(राजन):बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जलस्तर काफ़ी कम हो गया है और बाढ़ से प्रभावित लोगों को मुआवज़ा देने की प्रक्रिया में तेज़ी लाई जाए ताकि उन्हें राहत मिल सके। यह बात डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने अजनाला में अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए कही। उन्होंने कहा कि अधिकारी और कर्मचारी यह सुनिश्चित करें कि वे हर प्रभावित परिवार के घर पहुँचें और उन्हें राहत सामग्री पहुँचाएँ।

बाढ़ के दौरान पूरी तरह से नष्ट हो चुके घर और व्यवसाय का विशेष डेटा एकत्र किया जाए

डीसी साहनी ने अधिकारियों से कहा कि जिन लोगों के घर और व्यवसाय बाढ़ के दौरान पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं, उनका विशेष डेटा एकत्र किया जाए ताकि उनके पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू की जा सके। डीस ने अधिकारियों से कहा कि उनकी भूमिका एक सैनिक की तरह होनी चाहिए जो बाढ़ के दौरान प्रभावित लोगों को पर्याप्त मदद प्रदान कर सके। उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों की मदद के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं और गिरदावरी के काम में तेजी लाई जाए ताकि समय पर कार्रवाई की जा सके और मुआवजा दिया जा सके।

7 लोगों की जान गई है और 54 पशु पानी से नष्ट हो गए

रेडक्रॉस के वॉलिंटियर्स घर-घर जाकर महिलाओं को सैनिटरी नैपकिन और अन्य राहत सामग्री वितरित करते हुए।

डीसी साहनी ने कहा कि जिन लोगों के दस्तावेज पानी से नष्ट हो गए हैं, वे अपने डिजिटल साक्ष्य जैसे आधार कार्ड आदि का उपयोग करें या अपने मोबाइल नंबर के साथ आधार कार्ड को जोड़ने का काम शुरू करें ताकि मुआवजे की राशि उनके बैंक खातों में जमा की जा सके। उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान 7 लोगों की जान गई है और 54 पशु पानी से नष्ट हो गए हैं। डीसी साहनी ने कहा कि बाढ़ के दौरान मरने वालों के परिवारों को मुआवजा देना शुरू कर दिया गया है।

आंखों और त्वचा के संक्रमण की दवाओं की भी व्यवस्था की जानी चाहि

रेडक्रॉस के वॉलिंटियर्स घर-घर जाकर महिलाओं को सैनिटरी नैपकिन और अन्य राहत सामग्री वितरित करते हुए।

डीसी साहनी ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि जल स्तर में कमी के कारण विभिन्न बीमारियों के फैलने का डर है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि बच्चों की चिकित्सा जांच की जानी चाहिए और आंखों और त्वचा के संक्रमण की दवाओं की भी व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से मच्छर भगाने वाली दवाओं और सैनिटरी नैपकिन का वितरण भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

मृत पशुओं का उचित तरीके से निपटान किया जाए

डिप्टी कमिश्नर साहनी ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि मृत पशुओं का उचित तरीके से निपटान किया जाए ताकि बीमारियों का खतरा न रहे और पोल्ट्री फार्म मालिकों से संपर्क स्थापित करके मृत पक्षियों का भी उचित तरीके से निपटान किया जाए।इस बैठक में एडीसी रोहित गुप्ता, एडीसी अमनदीप कौर, एसडीएम अजनाला रविंदर सिंह, सहायक आयुक्त खुशबीर सिंह, सहायक सिविल सर्जन डॉ. राजिंदरपाल कौर, सचिव रेडक्रॉस सैमसन मसीह सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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