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जिला प्रशासन ने पराली प्रबंधन में किसानों की मदद के लिए मंडियों में सहायता केंद्र खोले

किसान सहायता केंद्र के संबंध में नंबरदारों के साथ बैठक करतीं डीसी साक्षी साहनी।

अमृतसर, 26 सितंबर(राजन): डीसी साक्षी साहनी  ने बताया कि जिला प्रशासन ने पराली जलाए बिना अगली फसल बोने में किसानों की मदद के लिए विशेष प्रयास शुरू किए हैं। इसके तहत, प्रत्येक मंडी में किसान सहायता केंद्र खोले गए हैं,जहाँ से किसानों को पराली प्रबंधन के लिए कृषि उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं। मंडी में धान लेकर आने वाले किसान को हेल्पलाइन डेस्क से पराली प्रबंधन के लिए कृषि उपकरण भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। यह सहायता केंद्र जिला प्रशासनिक परिसर में खोला गया है।

जिले में पराली प्रबंधन के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी

किसान सहायता केंद्र के संबंध में नंबरदारों के साथ बैठक करतीं डीसी साक्षी साहनी।

डीसी साक्षी साहनी ने बताया कि कोई भी किसान इस सहायता केंद्र पर कॉल करके पराली प्रबंधन के लिए सहायता ले सकता है, जिसका फ़ोन नंबर 0183-2220159 है। उन्होंने बताया कि हमारे अधिकारी भी गाँव स्तर पर मौजूद हैं ताकि किसानों को पराली जलाए बिना फसल बोने के लिए मार्गदर्शन दिया जा सके। उन्होंने कहा कि इस बार जिले में पराली प्रबंधन के लिए सभी प्रकार की मशीनरी उपलब्ध है, इसलिए किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने आज इस विषय पर पराली को लेकर गठित टास्क फोर्स और गांव के नंबरदारों से भी बात की और पर्यावरण को बचाने के लिए उनकी मदद मांगी।

जिन किसानों ने पिछले वर्षों में पराली नहीं जलाई, उनके खेतों में फसलों की पैदावार लगातार बढ़ रही

मुख्य कृषि अधिकारी स. बलजिंदर सिंह भुल्लर ने कहा कि हम किसानों से संपर्क कर रहे हैं ताकि उन्हें उनकी आवश्यकता के अनुसार मशीनरी उपलब्ध कराई जा सके। उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने पिछले वर्षों में पराली नहीं जलाई, उनके खेतों में फसलों की पैदावार लगातार बढ़ रही है। उन्होंने किसानों से भी अपील की कि वे इस बार यह पहल करें और इसके आश्चर्यजनक परिणाम देखें।

यह मशीनें जिले में सब्सिडी पर उपलब्ध करवाई गई हैं

सहायक कृषि अभियंता मनदीप सिंह ने कहा कि हमारे पास जिले में ही पराली की गांठें बनाने के लिए 72 बेलर और पराली इकट्ठा करने के लिए 62 रेक हैं। इसके अलावा, खेत में पराली की जुताई या पराली के साथ गेहूं की बुवाई के लिए 4290 इन-सीटू मशीनें उपलब्ध हैं, जिनमें 2730 सुपर सीडर, 671 जीरो टिल ड्रिल, 5 स्मार्ट सीडर, 119 हैप्पी सीडर, 41 सरफेस सीडर, 124 रिवर्सिबल हैरो, 106 मल्चर, 236 पैडी स्ट्रा चॉपर आदि मशीनें जिले में सब्सिडी पर उपलब्ध करवाई गई हैं। उन्होंने बताया कि यह सभी मशीनें अब पराली प्रबंधन के लिए इस्तेमाल की जा रही हैं। इस अवसर पर एडीसी रोहित गुप्ता, एडीसी परमजीत कौर, जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक अमनजीत सिंह, जिला मंडी अधिकारी अमनदीप सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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