आरटीआई का भी जवाब नहीं दे रहे
अमृतसर,14 सितंबर (राजन): नगर निगम के अधिकारियों का पिछले वर्षों वेतन में से इनकम टैक्स काट लिया गया। निगम की अकाउंट ब्रांच द्वारा वेतन से काटा गया इनकम टैक्स आईटी विभाग को नहीं जमा करवाया गया। इसमें भारी संख्या में अधिकारी शामिल है। जिससे विशेषकर सेवानिवृत्त हुए निगम अधिकारियों में बेचैनी पाई जा रही है।
नहीं हो रही सुनवाई
विशेषकर सेवानिवृत्त हुए निगम अधिकारियों को पिछले लंबे अरसे से आईटी विभाग से नोटिस आए हुए हैं कि आपका हजारों रुपए इनकम टैक्स बकाया है। बकाया इनकम टैक्स पर ब्याज भी डल रहा है। निगम के एमटीपी विभाग के सेवानिवृत्त हुए सुपरीटेंडेंट प्रदुमन कुमार ने बताया कि उनके वेतन में से वर्ष 2016 से 2019 तक में इनकम टैक्स काटा गया किंतु विभाग को काटा गया इनकम टैक्स पूरा पूरा नहीं भेजा गया। जिस पर आईटी विभाग से उनको नोटिस आया है कि आपका41600 हजार रुपये टैक्स और ब्याज अलग से बकाया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में पहले उन्होंने नगर निगम के उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर मांग की थी कि उनका काटा गया इनकम टैक्स विभाग को जमा कराया जाए। उन्होंने कहा कि उनकी कोई भी सुनवाई ना होने पर उसके उपरांत उन्होंने आरटीआई डालकर इसका जवाब मांगा। प्रदुमन कुमार ने बताया कि नगर निगम में आरटीआई का जवाब ना मिलने पर उन्होंने चंडीगढ़ आरटीआई कमिश्नर में केस दायर किया। वहां पर भी लगातार 3 तारीखो दौरान भी कोई जवाब नहीं दिया गया। अब जाकर आरटीआई कमिश्नर ने नगर निगम को जुर्माना भी डाला गया है।
हाईकोर्ट जाएंगे
नगर निगम से सेवानिवृत्त हुए सैक्टरी सुभाष चोपड़ा ने बताया कि पहले उनका बनता प्रोविडेंट फंड भी नगर निगम द्वारा जमा नहीं करवाया गया था। उन्हें बताया कि वह और उनके कुछ साथी सेवानिवृत्त निगम अधिकारियों ने प्रोविडेंट फंड लेने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट ने उनके पक्ष में निर्णय दिया। हाईकोर्ट ने 2 महीने के भीतर उनका बनता पीएफ जमा करवाने का निर्णय दिया था। निर्णय आने पर वह निगम कार्यालय में चक्कर लगाते रहे और 3 महीने बाद उनको उनका बनता प्रोविडेंट फंड मिला। सुभाष चोपड़ा ने बताया कि उनके वेतन में से भी कुछ वर्ष पहले इनकम टैक्स काटा गया था किंतु आईटी विभाग को निगम की अकाउंट ब्रांच में टैक्स जमा नहीं करवाया गया। उन्होंने बताया कि आईटी विभाग से उनको लगातार नोटिस आ रहे हैं और ब्याज भी पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि इसी तरह उनको मिल रही पेंशन में भी काफी डिफरेंस है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में वह निगम उच्च अधिकारियों को मिल चुके हैं किंतु उनकी कोई भी सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ उनके साथ नहीं हो रहा नगर निगम ने भारी संख्या में अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ भी ऐसा ही हुआ है। जिनके खाते में पीएफ नहीं आया और ना ही पिछले वर्षों वेतन में से काटा गया इनकम टैक्स आईटी विभाग को नहीं भेजा गया है। उन्होंने कहा कि इसकी अगर उच्च स्तरीय जांच होगी तो बहुत बड़ा स्कैंडल सामने आएगा। सुभाष चोपड़ा ने कहा कि इसको लेकर भी वह हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने जा रहे हैं।
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