कुछ दिन पहले सिद्धू ने दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की थी

चंडीगढ़/ अमृतसर, 5 जुलाई(राजन) पंजाब कांग्रेस में अंदरूनी कलह के बीच मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं।
बताया जा रहा है कि कैप्टन सिंह के मंगलवार सुबह दिल्ली के लिए रवाना होने की संभावना है।सूत्रों के अनुसार कांग्रेस आलाकमान द्वारा पंजाब में अंदरूनी कलह निपटाने पर अब अंतिम निर्णय लेने जा रही है।
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू 2015 में सिख ग्रंथों की बेअदबी और उसके बाद प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी की जांच पूरी करने में कथित देरी जैसे तथा अन्य गंभीर मुद्दों पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ आमने-सामने है ।पार्टी आलाकमान पंजाब इकाई में आंतरिक कलह को हल करने की कोशिश कर रहा है और अगले विधानसभा चुनाव से पहले बस कुछ महीने के साथ इसके सुधार की बात चल रही है।
कुछ अटकलें हैं कि सिद्धू को नियोजित सुधार में एक महत्वपूर्ण भूमिका मिल सकती है।कुछ दिन पहले सिद्धू ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से दिल्ली में मुलाकात की थी।
22 जून को, अमरिंदर सिंह राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एआईसीसी पैनल के सामने पेश हुए, जिसे पंजाब कांग्रेस में अंदरूनी कलह को हल करने के लिए स्थापित किया गया था।लेकिन वह पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी या राहुल गांधी के साथ दर्शकों के बिना चंडीगढ़ लौट आए।
पैनल ने तब अमरिंदर को 18 लंबित वादों को पूरा करने के लिए कहा था, जिसमें 2015 की बेअदबी का मुद्दा और पिछली सरकार द्वारा हस्ताक्षरित बिजली खरीद समझौते शामिल हैं।
गठित पैनल ने पहले पार्टी के अन्य नेताओं से मुलाकात की थी और पार्टी आलाकमान को एक रिपोर्ट सौंपी थी।
राहुल गांधी ने 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी को मजबूत करने के लिए क्या आवश्यक है, इस पर अपने विचारों के लिए पंजाब के विधायकों सहित पार्टी के कई नेताओं से मुलाकात की है।
23 जून को, ए आई सी सी महासचिव और पार्टी के पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत ने कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जुलाई की शुरुआत तक राज्य इकाई से संबंधित सभी मुद्दों को हल कर लेंगी और एकजुट पार्टी अगला विधानसभा चुनाव लड़ेगी।अप्रैल में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा कोटकपूरा फायरिंग मामले की जांच को रद्द करने के बाद सिद्धू ने फिर से अमरिंदर सिंह की आलोचना करना शुरू कर दिया था। सीएम ने उनकी नाराजगी को ‘पूर्ण अनुशासनहीनता’ बताया है।2019 में स्थानीय निकाय विभाग से हटाए जाने के बाद सिद्धू ने पंजाब में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, पिछले कई दिनों से नवजोत सिंह सिद्धू कैप्टन अमरिंदर सिंह तथा पंजाब सरकार की कार्यशैली पर तरह तरह के प्रश्न उठा रहे हैं।

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