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“फिक्की फ्लो” की सुपर पावर टीम शहर को विशेष योगदान दे रही है : मेयर कर्मजीत सिंह रिंटू

” फिक्की फ्लो ” द्वारा पैनोरमा में ‘मां तुझे सलाम ‘ 75 वीं आजादी दिवस को समर्पित मातृ दिवस आयोजित किया

बच्चों के पालन पोषण में प्लानिंग नहीं करनी पड़ती है: शिखा सरीन

अमृतसर,8 मई (राजन):”फिक्की फ्लो” द्वारा महाराजा रंजीत सिंह पैनोरमा में मां तुझे सलाम “75” वीं आजादी दिवस को समर्पित मातृ दिवस आयोजित किया गया। विशेष मेहमान के तौर पर पहुंचे मेयर कर्मजीत सिंह रिंटू ने कहा कि  “फ़िककी फ्लो ” सुपर पावर टीम शहर को विशेष योगदान दे रही है। उन्होंने कहा कि इस टीम द्वारा  पहले कोविड-19 के वक्त लोगों के घरों तक राशन पहुंचाना व अन्य सुविधाएं प्रदान करवाई गई हैं।

कोरोना वैक्सीन डोज के लिए कैंप भी लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस टीम द्वारा  शहर के कई क्षेत्रों में लैंडस्कैपिंग भी करवाई गई है। मेयर रिंटू ने कहा कि आज पैनोरमा में इस सुपर टीम द्वारा शांति के प्रतीक’ आजादी की सोच ‘ के लिए कबूतर भी छोड़े गए। उन्होंने कहा कि मदर्स डे पर मां तुझे सलाम कार्यक्रम मे भी बढ़िया कार्यक्रम रखकर अच्छा मैसेज दिया गया है। फिक्की फ्लो की चेयरपर्सन शिखा सरीन का कहना है कि परमात्मा ने एक महिला को एक मां के एक एैसे रुतबे से नवाजा है, कि जिसमें बच्चों का पालन पोषण करने के लिए उसे किसी प्लानिंग की जरूरत नहीं पड़ती है, क्योंकि परमात्मा ने मां को ऐसी शक्ति दे रखी है जोकि अपने बच्चों का पालन पोषण कर के उन्हें समाज में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। भले ही वह खुद एक बिजनेस वूमेन, पेंटिंग आर्टिस्ट होने के साथ-साथ एक संगठन के गरिमामय पद पर बैठी हैं, जिसके बावजूद सभी कामों को शेड्यूल के मुताबिक करते हुए बच्चों का योग्य मार्गदर्शन करती है, ताकि वे एक अच्छे और भले इंसान बन सके।वह बताती हैं कि उनकी एक बेटी दीक्षा सरीन और बेटा प्रणय सरीन है, जोकि शहर से बाहर पढ़ते हैं और बाहर होने के बावजूद वह अपने बच्चों के साथ दिन रात 24 घंटे इंटरकनेक्टेड रहती हैं, बच्चों को अपनी संस्कृति और संस्कारों से जोड़ कर रखा जाए।

उन्होंने कहा कि मदर्स डे पर मां तुझे सलाम का आयोजन एक विशेष कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि शहर के सोशल कार्यक्रमों का अक्सर आयोजन किया जाता है।

नौकरी की वजह से बच्चों के लिए टाइम निकालना था मुश्किल

फिक्की फ्लो की सीनियर वाइस चेयरपर्सन डा. सिमरप्रीत संधू ने अपने बच्चों के साथ सिर्फ एक मां का ही रिश्ता नहीं निभाया बल्कि उनमें छिपी प्रतिभा को लाने के मकसद से एक जौहरी का रोल निभाया है। उन्होंने बताया कि जब बच्चे छोटे थे, तो उन्हें आज तक पढ़ाई करवाकर उच्चशिक्षा दिलाना एक चुनौती था, क्योंकि वह सरकारी डेंटल कालेज में विभागाध्यक्षा होने के साथ-साथ डेंटल काउंसिल आफ इंडिया की इंस्पेक्टर थी, जिसमें कई बार शहर से बाहर डयूटी पर जाना पड़ता था, तो कभी अपने कालेज में डयूटी की व्यस्ता की वजह से परेशानी होती थी।बकौल डा. संधू वह ही जानती हैं कि किस तरह से उन्होंने अपना घर संभालने के साथ-साथ डयूटी व बच्चों को सेट किया है।

उनका कहना है कि भले ही समाज में तरक्की के मार्ग पर चलने के लिए बच्चों को बढ़िया शिक्षा हासिल करवानी जरूरी है।उसके साथ ही साथ है बच्चों की भीतर छिपी प्रतिभा को पहचानते हुए हाबी के तौर पर उसका प्रदर्शन करने के लिए उत्साहित करना चाहिए, जोकि उन्हें एक जिम्मेदार और नेक इंसान के रूप में ढाल सकता है।उनकी बेटी तवलीन संधू एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने के बावजूद एक डूडल आर्टिस्ट है,जोकि कोविड-19 की महामारी में उभर कर सामने आई है।जबकि उनका बेटा जप्पन संधू विदेश में साइकोलोजिस्ट की पढ़ाई कर रहा है।उसके साथ ही साथ गोल्फ प्लेयर भी है, जोकि लोगों को सेहतमंद रखने के साथ-साथ खुद सेहत के प्रति जागरूक है। उन्होंने कहा कि फिक्की  फ्लो शहर की सोशल एक्टिविटीज में बढ़-चढ़कर योगदान दे रहा है।

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