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भारतीय महिला हॉकी टीम ने कॉमनवेल्थ गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीतने पर टीम की खिलाड़ी गुरजीत कौर के परिवार में खुशी की लहर

अमृतसर,7 अगस्त (राजन):भारत महिला हॉकी टीम ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में ब्रॉन्ज मेडल की जीत पर टीम की खिलाड़ी अमृतसर में अजनाला के गांव मियादीया कलां की साधारण लड़की से ड्रैग फ्लिकर गुरजीत कौर के परिजनों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। गुरजीत कौर के माता-पिता ने मिठाई से सभी का मुंह मीठा करवाया।देश के 11 साल के बच्चे महज हॉकी पकड़ना सीखते हैं लेकिन गुरजीत 11 साल की थी, जब उसने अपना घर छोड़ दिया। परिवार ने उसे तरनतारन के कैरों गांव की सरकारी खेल एकेडमी को जॉइन करने के लिए भेज दिया।क्लास 6वीं से यहां हॉस्टल में रहना शुरू कियाऔर 6 साल तक माता-पिता से दूर रहकर कोच चरणजीत सिंह से हॉकी की बारीकियां सीखीं और +2 तक यहीं रहीं। गुरजीत गांव में अपने घर पर मां-बाप से मिलने नहीं जा पाती थीं क्योंकि पैसे और संसाधनों की कमी थी। पिता सतनाम सिंह दोनों बेटियों को रोज गांव से 12 किलोमीटर दूर स्कूल लेकर जाते पैसे नहीं होते थे,इसलिए परिवार से मिलने तक नहीं जा पाती थी। गुरजीत कौर के दादा और पिता कबड्डी प्लेयर गुरजीत के पिता सतनाम सिंह और मां हरजिंदर का कहना है कि सीमावर्ती गांव से निकलकर बेटी अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी बनी।इतना ही नहीं, रोज दोपहर तपती धूप में साइकिल पर लेने भी जाते थे। मेहनत ने गांव के ग्राउंड से मेडल तक पहुंचाया अजनाला के सीमावर्ती गांव मियादीया कलां में किसान सतनाम सिंह के यहां 25 अक्टूबर 1995 में को जन्मी गुरजीत कौर 3 भाई बहन हैं। बड़ी बहन प्रदीप कौर हॉकी की नेशनल प्लेयर और कोच भी हैं। भाई कबड्डी खेलता है। गुरजीत के पिता की इच्छा थी कि बेटियां अच्छी शिक्षा के साथ हॉकी में विश्वभर में अपनी अलग पहचान बनाएं।बेहतर शिक्षा के लिए सुंदर मॉडल स्कूल में एडमिशन दिलाया।

अब तक की गुरजीत कौर की उपलब्धियां

ओलिंपिक्स 2022 में हॉकी में भारत को सेमिफाइनल में पहुंचा इतिहास रचा गुरजीत कौर की अब तक की उपलब्धियों मे,17 की उम्र में 2012 में भारतीय महिला जूनियर हॉकी में चयन,2014 में सीनियर महिला हॉकी टीम में चयन,2017 में सीनियर नेशनल कैंप में खेली एकमात्र खिलाड़ी हैं जो 2017 में हॉकी टीम की स्थायी सदस्य बनी। मार्च 2017 में कनाडा में टेस्ट सीरीज खेली। अप्रैल में हॉकी वर्ल्ड लीग राउंड-2 और जुलाई में हॉकी वर्ल्ड लीग सेमीफाइनल में प्रतिनिधित्व किया। जकार्ता के एशियन खेल 2018 में गोलकर भारत को 20 साल बाद हॉकी के फाइनल में पहुंचाया। इंडिया ने सिल्वर मेडल जीता था। एशियन, कॉमनवेल्थ, लंदन वर्ल्डकप में अच्छा प्रदर्शन। हाल ही में पंजाब सरकार ने महाराजा रणजीत सिंह अवार्ड से नवाजा। गुरजीत कौर इलाहाबाद रेलवे में क्लर्क की नौकरी करती हैं। परिवार की इच्छा है कि गुरजीत को पंजाब पुलिस में डीएसपी का पद दिया जाए। गुरजीत ने ड्रैग फ्लिक स्किल को बेहतर करने के लिए हॉलैंड के कोच टून स्पीमन के साथ भी काम किया।

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