
अमृतसर,29 अक्टूबर (राजन):आम आदमी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष सुरेश कुमार शर्मा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान पीडब्ल्यूडी-अमृतसर में बड़े पैमाने पर सरकारी फंड की लूट हुई है।पिछली कांग्रेससरकार और जनता के नेताओं द्वारा इस तरह बिना वर्क आर्डर के विकास के बिल पास किए गए। सुरेश कुमार शर्मा ने आरटीआई के माध्यम से प्राप्त जानकारी का मूल्यांकन करने के बाद कहा कि पीडब्ल्यूडी ने वर्ष 2016-17 में भंडारी पुल से एंट्री गेट तक ग्रीन बेल्ट निर्माण का कार्य आवंटित किया गया था। इस काम के कार्यादेश में वृक्षारोपण, हरित आवरण, झाड़ियाँ आदि के कार्य आवंटित किये गये लेकिन विभाग के बिना कार्यादेश इस कार्य में ग्रिल के लिए 974876/- रुपये और पेंट के लिए 260025/- रुपये के बिल पारित किए गए।उस समय न तो कार्य के नाम को किसी उच्च अधिकारी द्वारा अनुमोदित किया गया था और न ही ग्रिल और पेंट की फिर से टेंडरिंग की जा रही थी। सुरेश कुमार शर्मा ने बताया कि यहां पीडब्ल्यूडी-अमृतसर के अधिकारी पहले से मौजूद 929 पेड़ों, 1084 झाड़ियों (इफिव्स) और 4588 वर्ग मीटर ग्राउंड कवर का रखरखाव दिखाया गया और इसका इस संबंध में लाखों रुपये के बिल भी पास हुए। सवाल तब उठता है जब सभी को ग्रीन बेल्ट बनाना है।जब फुटपाथ खोदे गए तो विभाग द्वारा पुराने मौजूदा पेड़ों और झाड़ियों को भी उखाड़ दिया गया। सुरेश शर्मा ने कहा कि इस संबंध में मैंने पीडब्ल्यूडी के एसई इंद्रजीत सिंह को 24-02-2022 को पत्र भेजा है।लेकिन मेरे द्वारा दी गई शिकायत पर सबूतों के साथ कार्रवाई करने के बजाय सिर्फ अधिकारी बचाव किया और हमेशा मामले को ठंडे बस्ते में डालने की कोशिश की। इसलिए मैं इस मामले को 09-05-2022 को मुख्यमंत्री कार्यालय और मुख्य अभियंता को पटियाला शिकायत की । मेरी ओर से मुख्यमंत्री कार्यालय एवं मुख्य अभियंतासाक्ष्य सहित भेजी गई शिकायत पर सख्त संज्ञान लेते हुए 28-07-2022 एवं 07-09-2022 को कार्रवाई के आदेश दिए गए। लेकिन आज 03 महीने बीत जाने के बाद भी इस मामले के जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।सुरेश कुमार शर्मा ने कहा कि यह मामला तूल पकड़ता देख संबंधित अधिकारियों ने उच्चाधिकारियों को धोखा दिया हैकार्य पूर्ण होने के 05 वर्ष बाद पटियाला कार्यालय से स्वीकृति ली गई है। ग्रीन बेल्ट के इस कार्य में एकमात्र रियायतयह काफी नहीं है, इसे नए सिरे से टेंडर करना पड़ा, जो कि विभाग द्वारा नहीं किया गया है। सुरेश कुमार शर्मा ने कहा कि कार्य पूर्ण होने के बाद किसी कार्य की स्वीकृति“ एक्स- पोस्ट फैक्टो सेक्शन’ का मामला बन जाता है। जिसे कानून के अनुसार अनुमति नहीं है और इसलिए इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती है। तो मंजूरीअधिकारी ने मौके पर ही कार्य करने की अनुमति दे दी है, जबकि कार्य 05 वर्ष पूर्व एवं इस स्थान पर किया गया था।ऊपर, नगर निगम द्वारा 02 अन्य टेंडरों के तहत कार्य किया गया है।सुरेश कुमार शर्मा ने पीडब्ल्यूडी मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ से इस मामले को खुद देखने की मांग की। दोषी अधिकारियों के खिलाफ जांच कराकर उचित कार्रवाई करें।
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