अमृतसर,8 अक्टूबर (राजन):15 अक्टूबर से शुरू होने वाले शारदीय नवरात्र को लेकर दुर्ग्याणा के बड़ा श्री हनुमान मंदिर में लगने वाले लंगूर मेले को लेकर कमेटी ने तैयारियां शुरू कर दी है। दुर्ग्याणा कमेटी की प्रधान प्रो. लक्ष्मी कांता चावला और महासचिव अरुण खन्ना की अध्यक्षता में लगने वाले लंगूर मेले में दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी से बचाने के लिए कमेटी की ओर से बेरिकेड का इंतजाम किया गया है।वहीं कारीगर इन बेरिकेड को रंग रोगन करने में जुट गए है। वहीं दूसरी ओर कमेटी की ओर से मंदिर के चारों तरफ साफ सफाई और सीवरेज साफ करने को लेकर निगम कमिश्नर,सुरक्षा को लेकर पुलिस और जिला प्रशासन को पत्र लिखे है। जबकि 24 अक्टूबर को कमेटी की ओर से दशहरा ग्राउंड में जलाने वाले रावण के पुतलों को लगाने के लिए सेना के डीओ को पत्र लिखा है । इसके बाद कमेटी की ओर से दशहरा ग्राउड की साफ सफाई करवानी शुरू करवाई जाएगी। लंगूर मेले में सेवा निभाने वाले शहर की सभा सोसायटियां और वालंटियर के साथ कमेटी जल्द बैठक करेगी। इसी तरह बड़ा श्री हनुमान मंदिर की गिरिराज सेवा संघ के प्रधान संजय मेहरा लंगूर मेले में सेवा निभाने वाले संघ के सदस्यों के साथ रविवार को बैठक करके उनकी ड्यूटियां लगाएंगे। मेले के पहले दिन लंगूरों की पूजा करने वाले 100 से ज्यादा पंडितों ने अपना नाम कमेटी को भेजना शुरू कर दिए है।
मनोकामना पूरी होने पर लाल व सिल्वर गोटे वाले चोले में बच्चों को लंगूर के रूप में सजाते
मान्यता है कि इस चमत्कारिक मंदिर में आकर जो भी पुत्र प्राप्ति की कामना करता है, उसकी इच्छी पूरी होती है। मनोकामना पूरी होने पर हर साल दंपती इस मंदिर में आते हैं लाल व सिल्वर गोटे वाले चोले में बच्चों को लंगूर के रूप में सजाते हैं।शारदीय नवरात्र शुरू होने से लेकर दशहरा तक श्री लंगूर मेला में हजारों बच्चे लंगूर बनकर मंदिर में माथा टेकते हैं । मान्यता है कि जो लोग यहां संतान प्राप्ति के लिए मन्नत मांगते हैं, उनकी मुराद अवश्य पूरी होती है। संतान होने के बाद वह अपने बच्चों को लंगूर बनाकर माथा टिकवाते हैं।सिर पर टोपी के साथ लाल व सिल्वर गोटे वाले परिधान पहने हजारों बच्चे हाथों में बाल गदा लेकर अद्भुत दृश्य प्रस्तु करते हैं। इस बार भी करीब पांच हजार से अधिक परिवारों के बच्चे लंगूर बनेंगे। हर साल शारदीय नवरात्र के पहले दिन यह लंगूर मेला शुरू होता है।15 अक्टूबर रविवार को छड़ी पकड़े हुए बच्चे पांव में छम-छम करती घुंघरू की आवाज के साथ ढोल की थाप पर जय श्रीराम के जयकारे लगाते हुए दिखेंगे।
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