अमृतसर,20 फरवरी (राजन): महानगर में प्रतिदिन 350 बकरे का मीट, लगभग 30 हजार चिकन का मीटऔर लगभग 3 हजार किलो मछली बिकती है। नगर निगम के हाउस ने प्रति बकरा 100 रुपए, प्रति चिकन एक रुपया और 5 रुपया प्रति किलो मछली का फीस तय की हुई है। इस वक्त नगर निगम को अपने स्लॉटर हाउस प्रतिदिन मात्र लगभग 65 बकरों की ही फीस आ रही है। चिकन कटने और मछली के मीट के एवज में नगर निगम को कुछ भी नहीं मिल रहा है। जिससे नगर निगम को प्रतिदिन लाखो रुपयों की वित्तीय हानि हो रही है। शहर में प्रतिदिन लगभग एक लाख यात्री आ रहे हैं और शहर की जनसंख्या के अनुसार भारी भरकम बकरे, चिकन और मछली के मीट की खपत होती है। शहर में होटल, रेस्टोरेंट, ढाबो और क्लबो की भरमार है। शहर में बकरे का मीट, चिकन और कटी हुई फिश बेचने वाली दुकानों की भी भरमार लगी हुई है। इन दुकानों की भी नगर निगम द्वारा नियमित तौर पर जांच करनी आवश्यक है। नगर निगम को इस वक्त स्लॉटर हाउस से प्रतिवर्ष मात्र 5 लाख रुपए की ही आमदनी आ रही है। जबकि यह राशि 2.5 करोड़ रुपए से भी अधिक हो सकती है। इससे नगर निगम को प्रतिवर्ष करोड़ों रुपयों की वित्तीय हानि हो रही है।
स्लॉटर हाउस से कटा बकरा ही शहर में बिक सकता
नियम और कानून के अनुसार नगर निगम के स्लॉटर हाउस से ही कटा हुए बकरे का मीट ही शहर में बिक सकता है। शहर से बाहर और शहर के भीतर काटे जाने वाले बकरे का मीट शहर में नहीं बिक सकता है। इसके बावजूद नगर निगम के क्षेत्रफल के बाहर के स्लॉटर हाउस और निजी तौर पर बकरों को काटकर शहर में प्रवेश करवा कर बेचा जा रहा है। इसमें चाहे बीमार बकरे क्यों ना हो। मीट का कारोबार करने वाला माफिया इतना स्ट्रांग है कि उसने कभी भी किसी सरकारी अदारे की परवाह नहीं की है। नगर निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से प्रतिदिन माफिया निगम को लाखों रुपए का चूना लगा रहा है।
निगम ने पिछले दिनों दो चिकन हाउस पर की कार्रवाई
पिछले दिनों निगम स्वास्थ्य अधिकारी डॉ किरण कुमार ने अपनी टीम के साथ शहर के पुतलीघर क्षेत्र में दो चिकन हाउस पर छापेमारी और जांच की गई। चिकन बेच रहे इन दोनोंअदारो पर छापामारी दौरान दुकानों के भीतर गंदे हालातों में चिकन का मीट काटे जाने के चालान भी काटे गए हैं। दोनों चिकन हाउस निगम को मामूली सी फीस दे रहे थे। इसकी निगम द्वारा जांच की जा रही है। नगर निगम द्वारा इस पर अगर सख्ती की गई तो निगम की आमदनी बढ़ाने के साथ-साथ लोगों को साफ सुथरा मीट मिलेगा।
ट्रेड लाइसेंस व कंजर्वेंसी फीस नहीं मिल रही
नगर निगम के लाइसेंस विभाग द्वारा बकरे का मीट, चिकन और मछली बेचने वाले बड़े-बड़े दुकानदारों का ट्रेड लाइसेंस और कंजर्वेंसी फीस लेनी होती है। शहर में इस वक्त मीट बेचने वाले 50 से अधिक बड़े-बड़े अदारे हैं। इसके अलावा 200 से अधिक मीट बेचने वाली दुकाने भी है।अगर इन सभी का ट्रेड लाइसेंस व कंजर्वेंसी फीस ली जाए तो इनसे भी निगम को लाखों रुपए की आमदनी हो सकती है। निगम के लाइसेंस विभाग द्वारा अधिकांश के लाइसेंस ही नहीं बनाए गए हैं।
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