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श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के पवित्र अवसर पर मुख्यमंत्री ने गुरुद्वारा छठी पातशाही में माथा टेका

अमृतसर,15 नवंबर:पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के पवित्र अवसर पर गुरुद्वारा छठी पातशाही में माथा टेका और प्रदेश तथा इसके निवासियों की प्रगति और खुशहाली के लिए अरदास की।मुख्यमंत्री ने गुरुद्वारा साहिब में नतमस्तक होकर अकाल पुरख के सामने राज्य की शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए प्रार्थना की। उन्होंने यह भी प्रार्थना की कि प्रदेश में सांप्रदायिक सौहार्द, शांति और भाईचारे की भावना और मजबूत हो तथा पंजाब हर क्षेत्र में देश का नेतृत्व करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु साहिब जी की “किरत करो, नाम जपो और वंड छको” की अनमोल शिक्षाएं आज के भौतिकवादी समाज में भी उतनी ही प्रासंगिक हैं।

गुरु नानक देव जी ने एक ऐसे समाज की कल्पना की जो अंधविश्वास और जातिगत भेदभाव से मुक्त हो

भगवंत सिंह मान ने प्रकाश पर्व के शुभ अवसर पर संगत को दिल से बधाई देते हुए कहा कि श्री गुरु नानक देव जी एक महान आध्यात्मिक दूत थे, जिन्होंने ईश्वर के प्रति श्रद्धा और समर्पण के दर्शन के माध्यम से मानवता को मुक्ति का मार्ग दिखाया।मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी ने एक ऐसे समाज की कल्पना की जो अंधविश्वास और जातिगत भेदभाव से मुक्त हो, जिससे पीड़ित मानवता का कल्याण हुआ। गुरु साहिब ने मानवता को नए विचार, उद्देश्य और लक्ष्य दिए और इसे जातिगत वैमनस्य, झूठ, पाखंड और दिखावे से मुक्ति दिलाने का आह्वान किया।

गुरबाणी की पंक्ति “पवन गुरु, पानी पिता, माता धरत महत”

मुख्यमंत्री ने लोगों से श्री गुरु नानक देव जी द्वारा दिखाए गए सेवा और विनम्रता के मार्ग पर चलने और उनकी महान शिक्षाओं के अनुरूप एक शांतिपूर्ण, समृद्ध और स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए प्रयास करने की अपील की। उन्होंने प्रकाश पर्व को जाति, रंग, नस्ल और धर्म की बेड़ियों से ऊपर उठकर श्रद्धा और समर्पण भाव से मनाने की अपील की। भगवंत सिंह मान ने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी, जिन्हें पूरी दुनिया में जगत गुरु के रूप में सम्मानित किया जाता है, ने अपनी उदासियों के माध्यम से लोगों को सद्भावना और भाईचारे का संदेश दिया।मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी ने अपनी शिक्षाओं के माध्यम से मुगल बादशाह बाबर के हमले के दौरान अन्याय और अत्याचार का डटकर विरोध किया। उन्होंने गुरबाणी की पंक्ति “पवन गुरु, पानी पिता, माता धरत महत” का उल्लेख करते हुए कहा कि गुरु साहिब ने हवा को गुरु, पानी को पिता और धरती को माता का दर्जा दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु साहिब ने उस समय जब प्रदूषण का कोई नामोनिशान नहीं था, लोगों को पर्यावरण की देखभाल का पाठ पढ़ाया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी ने नारी सशक्तिकरण और समाज में महिलाओं को समान दर्जा दिलाने के लिए भी आवाज उठाई।

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