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अमृतसर,6 फरवरी:भारत सरकार ने आज मानवता और आपसी सौहार्द का परिचय देते हुए 5 पाकिस्तानी कैदियों को रिहा कर अटारी वाघा बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान भेज दिया। ये सभी कैदी अपनी सजा पूरी कर चुके थे। दोनों देशों के बीच हुई आपसी सहमति के तहत इन्हें रिहा किया गया है। रिहा किए गए कैदियों में एक ने प्यार के लिए सीमा लांघ ली, जबकि किसी पर जासूसी का आरोप लगा और किसी का वीजा खत्म हो गया था। रिहाई के बाद मीडिया से बात करते हुए इन कैदियों ने भारत में मिले प्रेम और सम्मान के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उन्हें कभी महसूस नहीं हुआ कि वे एक दूसरे देश में हैं। इनमें से कई कैदियों ने अपनी जिंदगी के 15 से 17 साल भारत की जेलों में बिताए हैं और अब वे अपने वतन लौटकर बेहद खुश हैं।
इन कैदियों को रिहा किया गया
साढ़े 16 साल मसरूर जेल में रहा कराची निवासी मसरूर 2008 में भारत आया था और उसका वीजा 6 महीने का था । वीजा समाप्त होने के बाद लखनऊ पुलिस ने उसे गिरफ़्तार कर लिया। बिना वीजा के भारत में रहने के आरोप में उसे उम्रकैद कीसजा हुई, लेकिन हाईकोर्ट में अपील के बाद उसने 16.5 साल जेल में बिताए । जासूसी करने के लगे थे जाफर हुसैन पर आरोप पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के जाफर हुसैन पर जासूसी का आरोप था। उसे 17 साल की सजा सुनाई गई थी। वह राजस्थान की अलवर जेल में बंद था। नंदलाल का वीजा हुआ था समाप्त नंदलाल की राजस्थान में जमीन थी, जिस पर उसके रिश्तेदारों ने कब्जा कर लिया था। वह जमीन छुड़वाने के लिए भारत आया, लेकिन वीजा समाप्त होने पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। 7 साल की सजा पूरी करने के बाद अब वह अपने 5 बच्चों के पास वापस जा रहा है। नंदलाल ने भारत सरकार से अपील की है कि उसे
भारतीय नागरिकता दी जाए क्योंकि उसकी जमीन भारत में है। खादिम हुसैन मछली पकड़ते लांघ गया था सीमाखादिम हुसैन मछली पकड़ते हुए गलती से गुजरात की सीमा में प्रवेश कर गया था, जहां उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर गुजरात की कच्छ जेल में भेज दिया। उसने 5 साल जेल में बिताए और अब अपने वतन लौट रहा है।प्यार में सीमा लांघ गया था अजमल हुसैन कसूर के अजमल हुसैन का हरियाणा की एक लड़की से प्रेम संबंध था। व्हाट्सएप पर बातचीत के बाद वह शराब के नशे में गलती से भारत की सीमा में दाखिल हो गया। उसे थाना वल्टोहा की पुलिस ने 2022 में गिरफ्तार किया था और 2 साल की सजा हुई, जो उसने तरनतारन जेल में काटी। रिहाई के बाद अजमल ने कहा कि उसने प्रेम में बड़ी गलती की और भविष्य में ऐसी भूल नहीं दोहराएगा।
सजा पूरी करने के बाद लौट रहे कैदी
प्रोटोकॉल अधिकारी अरुण माहल ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि ये सभी कैदी अपनी-अपनी सजा पूरी कर चुके थे और अब अमन-शांति के संदेश के तहत भारत सरकार ने इन्हें रिहा कर पाकिस्तान भेज दिया है। इन कैदियों की रिहाई दोनों देशों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों की मिसाल है।
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