अमृतसर, 15 सितम्बर (राजन): डिप्टी कमिश्नर गुरप्रीत सिंह खैहरा ने जिले में कोरोना केस और मौतें बढ़ने के मामलो के लिए कोरोना के टैस्ट करवाने में की जा रही देरी को बड़ा कारण बताया है। उन्होने कहा कि अब तक की गई आलोचना में यह बात सामने आई है कि लोग अपने घरों में बैठ कर ख़ुद का ईलाज करने की कोशिश कर रहे हैं या किसी कैमिस्ट के पास से दवा लेकर सारने की कोशिश कर रहे हैं। जिनमें कोरोना के लक्षण हैं, वह भी इसको डाक्टर के पास सांझा करने की जगह घर ही बैठ रहे हैं। इस तरह जिन लोगों की अंदरूनी शक्ति ठीक होती है वह तो ठीक हो जाते हैं, परन्तु कुछ लोग जिनमें जवान भी हैं, वह अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं।
खैहरा ने बड़े दुख के साथ गत दिवस 21 साल के नौजवान लड़के की हुई मौत का हवाला देते बताया कि उक्त बच्चे को 1 सितम्बर के नज़दीक बुख़ार होना शुरू हुआ, परन्तु उसने या परिवार ने 7-8 सितम्बर तक किसी डाक्टर के पास पहुँच नहीं की। जब वह अस्पताल आया तो आक्सीजन का स्तर इतना नीचे जा चुका था कि उसे बचाया नहीं जा सका और डाक्टरों के हाथों में ही उसकी मौत हो गई।
उन्होने ज़िला निवासियों से अपील की कि जब भी आपकोकोरोना के लक्षण, जिस में बुख़ार, गला ख़राब, खाँसी आदि मुख्य तौर पर शामिल हैं, नज़र आएं तो टैस्ट करवाने में ढील या शर्म न करें। उन्होने कहा कि हर दूसरा या तीसरा आदमी कोरोना से पीडित हो रहा है, इसलिए टैस्ट करवाने में कोई शर्म या लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उन्होने कहा कि यदि आप कोविड-19 के टैस्ट में कोरोना के पाज़ीटिव आ भी जाते हो तो आपको घर में ही रहने की सुविधा मौके पर दे दी जाती है। डाक्टर दवा भी देते हैं और घर बैठे मरीज़ के साथ फ़ोन पर संबंध भी रखते हैं, जिसके साथ मरीज़ की रिकवरी आसानी और जल्दी होती है।
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