
अमृतसर, 11 जून (राजन): मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल के निर्देश पर गांवों के सामूहिक विकास में ग्राम सभा की भूमिका को लेकर संत सिंह सुखा सिंह स्कूल में सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें जालंधर डिवीजन के अधीन आते सात जिलों के करीब 1500 सरपंचों ने हिस्सा लिया।सेमिनार की शुरुआत कैबिनेट मंत्री धालीवाल ने ज्योति प्रज्ज्वलित करके की। उन्होंने कहा कि वे पार्टीबाजी से ऊपर उठकर गांवों का विकास करें, ताकि पंजाब को फिर हरियावल बनाया जा सके। इसके तहत 15 से 26 जून तक पूरे पंजाब में इजलास किए जाएंगे और इस संबंध में सरपंचों को जागरूक करने के लिए यह सेमिनार करवाया गया है। 13 जून को दूसरा सेमिनार लुधियाना और 14 जून को सेमिनार बठिडा में करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि गांव का सामूहिक विकास तभी कर सकते हैं, अगर उनकी ग्राम सभाएं मजबूत हों। वह खुद भी सरपंच रहे हैं और जमीनी हकीकत से भलीभांति अवगत भी हैं। उन्होंने कहा कि 65 फीसद लोग गांव में रहते हैं और उनकी सरकार का मुख्य लक्ष्य गांवों का विकास करना है। उन्होंने कहा कि ग्राम सभाओं को दोबारा जीवित करें।गांवों के विकास में ग्राम सभा का अहम रोल होता है और वह ही तय करती हैं कि गांवों में कौन से विकास के काम पहल के आधार पर किए जाने हैं। ग्राम सभाओं का मुख्य काम बजट तैयार करना, योजना पास करना, योजनाओं को लागू करने के अलावा गरीबी मुक्त गांव, पानी भरपूर गांव, सेहतमंद गांव, महिलाओं की शमूलियत वाला विकास और आत्म निर्भर गांव बनाना है। धालीवाल ने कहा कि गांव का विकास गलियां नालियां बनाने के साथ ही मानवीय विकास पर केंद्रित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि घरेलू डेयरी फार्मिग को भी बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि ग्रामीण क्षेत्र के लोग अपनी आर्थिकता को मजबूत कर सकें। इस अवसर पर बाबा बकाला के विधायक दलबीर सिंह टौंग, ग्रामीण विकास व पंचायत विभाग के डायरेक्टर गुरप्रीत सिंह खैहरा, एडीसी रणबीर सिंह मूधल, डिप्टी डायरेक्टर नोडल अफसर ग्राम सभा जतिदर सिंह बराड़, जिला विकास व पंचायत अफसर गुरप्रीत सिंह गिल, जिला सचिव आप प्रभबीर सिंह बराड़, सतपाल सिंह सोखी, एडवोकेट राजीव मदान, सीमा सोढ़ी आदि मौजूद थे।
महिलाओं को ग्राम सभाओं की बैठक में लेना चाहिए भाग: विधायक इंद्रजीत कौर
कार्यक्रम में विधानसभा हलका नकोदर से आप की विधायक इंद्रजीत कौर ने कहा कि उनकी सरकार इंकिलाब लेकर आई है और महिलाओं को बढ़-चढ़कर ग्राम सभाओं की मीटिग में हिस्सा लेना चाहिए। वह खुद भी 23 साल सरपंच रही हैं और उन्होंने 2004 से पंजाब की पंचायतों को ट्रेनिग देने की शुरुआत की थी, ताकि पंचायतों को अपने अधिकारों का पता लग सके। उन्होंने कहा कि सरपंच को जागरूक करने के साथ-साथ भ्रूण हत्या के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।
Follow this link to join my WhatsApp group: https://chat.whatsapp.com/JFU5Ojnr0YrEcsHyt55tVw