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शहर में अवैध निर्माणों की भरमार,एमटीपी के डिसमिस होने के आदेश आने पर विभाग में दहशत का माहौल

पहले निगम हाउस ने भी एमटीपी व  समूह एटीपीज  को सस्पेंड करने का सरकार को भेजा था प्रस्ताव

अवैध कॉलोनियों में जाली एनओसी की भी हैं भरमार

अमृतसर, 28सितम्बर  (राजन ):नगर में एकमात्र अवैध निर्माणाधीन होटल की जांच रिपोर्ट व निजी सुनवाई के उपरांत लोकल बॉडी विभाग के मुख्य विशेष सेक्टरी सतीश चंद्रा द्वारा एमटीपी आईपीएस रंधावा को डिसमिस  करने व अन्य अधिकारियो  पर भी कार्रवाई करने के आदेश जारी होने से   एमटीपी विभाग के बड़े  छोटे अधिकारियों में दहशत का माहौल बन गया है।

शहर में है अवैध बिल्डिंगों की भरमार
इस वक्त शहर में अवैध बिल्डिंगों की भरमार बनी हुई है। एक पुख्ता  जानकारी के अनुसार इस वक्त शहर में गलियारा क्षेत्र के अवैध निर्माणों सहित पूरे शहर में 700 से भी अधिक अवैध कमर्शियल बिल्डिंग बनी हुई है। अधिकांश ने  तो नक्शा ही नहीं पास करवाया हुआ। कईयों ने रिहाइशी नक्शा पास करवाकर कमर्शियल निर्माण कर लिए गए हैं।  23 मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन, कर्फ्यू के दौरान भी शहर में अनगिनत कमर्शियल बिल्डिंग बनकर तैयार हो गई है. पिछले डेढ़ महीने में नगर निगम के एमटीपी विभाग द्वारा कुछ निर्माणों को मामूली तोड़ने का ड्रामा किया गया या फिर कुछ बिल्डिंग सील की गई।  इसके बावजूद भी अब अवैध निर्माण करने वालों पर कुछ भी असर होता नजर नहीं आ रहा.है ।
जिस  बिल्डिंग को लेकर एमटीपी  को डिसमिस  किया गया उसके बिल्कुल समीप उससे भी बड़ा अवैध निर्माण
कैनेडी एवेन्यू क्षेत्र में जिसअवैध निर्माणाधीन को लेकर आईपीएस रंधावा को डिसमिस  किया गया उसके बिल्कुल समीप उससे भी बड़ा अवैध  निर्माण हो चुका है   उससे भी बड़े अवैध निर्माणाधीन होटल का निर्माण हो चुका है। इस अवैध निर्माण को लेकर हाईकोर्ट ने भी आदेश जारी किए  है कि इस बिल्डिंग को हटा दिया जाए। इस अवैध निर्माणाधीन बिल्डिंग के निर्माण करवाने वालों नेआसपास 10 से 15 फुट तक हाउस लाइन बना दी गई इस बिल्डिंग में अवैध रूप से बेसमेंट भी बन गई है तथा इस बिल्डिंग के ऊपर भी अवैध मंजिलें भी बन गई हैं। इस अवैधबिल्डिंग को लेकर जिस  द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी बाद में याचिका का वापस लेने पर हाईकोर्ट ने ₹1 लाख रूपये  जुर्माना अदा करने के आदेश जारी कर दिए। इस बिल्डिंग को हटाने के आदेश जारी कर दिए हुए हैं किंतु नगर निगम के एमटीपी विभाग का बाबा आदम ही निराला है, अभी तक इस बिल्डिंग पर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई क्योंकि  विभाग के वरिष्ठ अधिकारी यह देख रहे हैं कि कि अभी हाई कोर्ट की तारीख  में शेष दिन बचे हुए हैं और बिल्डिंग का अवैध निर्माण करने वाला हाई कोर्ट की डबल बेंच में याचिका दायर करके अपना बचाव कर ले।  शहर की दर्जनों बड़ी कमर्शियल बिल्डिंगो  की शिकायत नगर निगम के पास है किंतु नगर निगम का एमटीपी  विभाग मामूली सी कार्रवाई करके बैठ जाता है।
जाली एनओसी की है भरमार
निगम के एमटीपी विभाग ने पिछले कई महीनों से तो प्लाटों व बनी बिल्डिंग की एनओसी जारी की हुई है। जिनमें अवैध कॉलोनियों की प्लॉटों की जाली व गलत एनओसी की तो भरमार ही है।  इस संबंध में विभाग  के वरिष्ठ व कनिष्ठ अधिकारी भली-भांति जानते हैं। इसके बावजूद कोई भी कार्रवाई नहीं हो रही हैं।

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