सड़क ई टेंडर माफिया एवं अधिकारियों के खिलाफ अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं और ना ही अभी तक टेंडर ड्रॉप किए गए
अमृतसर,19 सितंबर (राजन): शहर में सड़को की ई टेंडर माफिया पिछले लंबे अरसे से सरगर्म है। विशेष कर नगर निगम अमृतसर में सड़के बनवाने के लिए ई टेंडर में एक प्रतिशत से कम सेविंग वालों को ठेके मिलते हैं। जिन ठेकेदारों ने एक प्रतिशत से अधिक सेविंग भारी होती है, उन ठेकेदारों को डिस क्वालीफाई कर दिया जाता है। ऐसा ही मामला साल 2023 जून महीने से नगर निगम द्वारा सड़के बनवाने के लिए जारी किए गए ई टेंडरो से पता चला है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि नगर निगम द्वारा लगभग 100 करोड़ रुपयो की लागत से इंटरलॉकिंग टाइल्स, लुक और आईसीसी से सड़के, छोटे बाजार और गलियां बनाने के एस्टीमेट तैयार किए और इसके ई टेंडर भी जारी कर दिए गए। पंजाब सरकार के लोकल बॉडी विभाग द्वारा वेरिफिकेशन करवाई गई। लोकल बॉडी विभाग के सीईओ और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टीमों द्वारा पेश की गई सर्वे रिपोर्ट में 100 करोड रुपए की सड़कों में से 24 करोड़ रूपये की सड़के हटा दी गई। इसके बावजूद भी नगर निगम द्वारा पुराने ऐस्टीमेटों के हिसाब से टेंडरिंग प्रक्रिया चलती रही। सबसे विशेष बात यह रही की 50 करोड़ रुपए से बनने वाली सड़कों के ई टेंडर का वर्क आर्डर जारी कर दिया गया। इसका काम भी शुरू करवा दिया गया जबकि नगर निगम के पास अभी तक सड़कों को बनवाने के लिए पंजाब सरकार से कोई भी फंड नहीं आया है। ना ही अभी तक सड़क ई टेंडर माफिया एवं अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई और ना ही अभी तक टेंडर ड्रॉप किए गए।
21.96 करोड़ में से 4 करोड़ की सड़के हटाई
नगर निगम ने 21.96 करोड़ रूपये की लागत से सड़के बनाने के एस्टीमेट में से सीवीओ – ए आई सर्वे रिपोर्ट के अनुसार लगभग 4 करोड रुपए की सड़के हटा दी गई है। जिसकी रिपोर्ट लोकल बॉडी विभाग के चीफ इंजीनियर द्वारा नगर निगम अमृतसर को पहले ही भेज दी गई थी। इसके बावजूद भी नगर निगम अपनी टेंडरिंग प्रक्रिया करता रहा। टेक्निकल इवैल्यूएशन में ज्यादा सेविंग भरने वाले ठेकेदारों को डिस क्वालीफाई कर दिया गया। शेष रहती दो पार्टियों की फाइनेंशियल बिड खुलने पर सेविंग मात्र .45 प्रतिशत और .51 प्रतिशत ही आई है। इसकी अभी जांच चल रही है। इसके अलावा नगर निगम के सड़कों और गलियों को बनवाने के तीन ई टेंडर एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गए हैं। पहला ई टेंडर 2.54 करोड़ , दूसरा 4.10 करोड़ और तीसरा 3.58 करोड़ रुपए की लागत सेइंटरलॉक टाइल्स, लुक और आईसीसी से सड़के, गलियां बनवाने का है। इन तीनों टेंडर में भी अधिक सेविंग भरने वाली पार्टियों को डिसक्वालीफाई कर दिया गया। तीनों टेंडर में बची दो पार्टियों में ठेका एक पार्टी को देने की तैयारी और दूसरी पार्टी स्टेट बाय पर है। स्टैंड बाय पर रहने वाली पार्टी,यह भी एक जांच का विषय है।
पहले भी 46 करोड़ के ई टेंडर में दो अधिकारी हुए चार्जशीट
नगर निगम में ऐसा ही पहले भी एक मामला आया था। साल 2021 जून महीने में नगर निगम ने शहर की 46 करोड़ रुपयो की लागत से सड़कों को बनवाने के लिए ई टेंडर जारी किए थे। उस टेंडर में बिड सिक्योरिटी के लिए 2 फेक बैंक गारंटी भर दी गई थी। इसकी जांच होने पर निगम के दो बड़े अधिकारियों को चार्ज शीट किया गया था। उसमें से एक अधिकारी ने तो चारशीट का जवाब दे दिया था। इस मामले में अभी भी निगम का एक बड़ा अधिकारी चारशीट है और अभी भी जांच जारी है।
शहर की सड़कों का बुरा हाल
इस वक्त शहर की अधिकांश सड़कों का बुरा हाल है। जी -20 शिखर सम्मेलन दौरान बनी सड़कों को छोड़कर शेष रहती सड़कों पर जगह-जगह गड्डे पड़े हुए हैं। इन सड़कों को बनवाने के लिए पंजाब सरकार के लोकल बॉडी विभाग और नगर निगम द्वारा ठोस निर्णय नहीं लिया जा रहा है। जिस शहर वासी परेशान हो रहे हैं। अगर आने वाले दिनों में नगर निगम के चुनाव होते हैं तो आम आदमी पार्टी पर इसका असर पड़ेगा।
जल्द नये टेंडर लगने चाहिए
शहर की सड़कों को बनवाने के लिए जो नए एस्टीमेट बने हैं, उन एस्टीमेट के हिसाब से नगर निगम द्वारा नए टेंडर लगवा कर जल्द कार्रवाई पूरी करके सड़कों को बनवाने का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू करना होगा।
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