अमृतसर,22दिसंबर (राजन गुप्ता):आज सुबह गुरु राम दास जी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उस समय हंगामा मच गया जब लंदन से आई फ्लाइट में पहुंचने वाले यात्रियों को नहीं निकाला गया। वास्तव में, लंदन सहित कुछ देशों की उड़ानों पर भारत सरकार द्वारा लंदन में कोरोना वायरस के एक नए रूप की रिपोर्ट के बाद प्रतिबंध लगा दिया गया है। परिणामस्वरूप, 242 यात्रियों की अंतिम उड़ान कल रात लंदन से राजासांसी श्री गुरु राम दास अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंची। प्रशासन द्वारा पहले ही यात्रियों के परिवारों को सूचित करने के बावजूद, जब यात्री सुबह 10 बजे तक बाहर नहीं आए, तो उनके परिवारों ने सरकार में नारे लगाए और हवाई अड्डे के बाहर झंडे लेकर विरोध प्रदर्शन किया। यात्रियों के परिजनों ने कहा कि लंदन में पहले हीउनके कोरोना टेस्ट हो चुके है और उनकी रिपोर्ट नेगटिवआई हुई है। उसके बावजूद उनको बेहद परेशान किया जा रहा है।इस अवसर पर बोलते हुए, यात्रियों के रिश्तेदारों ने कहा कि उन्हें प्रशासन द्वारा जानबूझकर परेशान किया जा रहा है। उनके रिश्तेदार पिछले कई घंटों से हवाई अड्डे के अंदर हैं और उन्हें कई घंटे पहले परीक्षण करने के बावजूद बाहर नहीं जाने दिया गया।
लंदन से 264 यात्रियों के आरटीपीसीआर परीक्षण – सोनी
8 यात्री मिले पॉजिटिव
चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान मंत्री ओपी सोनी ने कहा कि कल रात लंदन से अमृतसर के लिए उड़ान भरने वाले 264 यात्रियों पर आरटीपीसीआर परीक्षण किया गया है, जिसमें से 8 यात्री पीजिटिव आए । सक्रमित पाए जाने वाले यात्रियों को सरकार की गाइड लाइन के अनुसार संस्थागत संगरोध दिया जाएगा।उन्होंने कहा कि लंदन में फैले कोरोना के नए संस्करण के कारण, लंदन से हवाई सेवा को 31 दिसंबर तक केंद्र सरकार द्वारा रद्ध कर दिया गया है, लेकिन उस समय तक विमान लंदन से उड़ान भर चुका था । परीक्षण कराने के निर्देश केंद्र सरकार से प्राप्त हुए थे, जिसके मद्देनजर जिला प्रशासन ने हवाई अड्डे पर ही पुख्ता इंतजाम किए थे। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए हवाई अड्डे पर 4 टीमों को तैनात किया गया था, जिन्होंने पूरी रात निरंतर परीक्षण किया, लेकिन लगभग 24 घंटे लगने वाली परीक्षण प्रक्रिया 12-13 घंटों में पूरी होती है। उन्होंने कोरोना कॉल के दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदान की जा रही अथक सेवा की सराहना की और कहा कि हमारे डॉक्टर और अन्य कर्मचारी अपने कर्तव्यों को अच्छी तरह से निभा रहे थे। उन्होंने कहा कि इस काम में कोई लापरवाही नहीं हुई लेकिन चूंकि यात्री अपने गंतव्य तक पहुंचने की जल्दी में थे, इसलिए यात्री भी खलल के कारण जल्दी में थे। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन का इरादा किसी को परेशान करना नहीं था।