वाघा/अटारी, 18 जनवरी: भारत से 65 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल 19 से 21 जनवरी तक लाहौर में आयोजित होने वाले 34वें विश्व पंजाबी सम्मेलन में भाग लेने के लिए आज वाघा-अटारी सीमा के रास्ते पाकिस्तान पहुंचा। पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फखर जमां के निमंत्रण पर इस सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विश्व पंजाबी सम्मेलन के भारतीय चैप्टर के समन्वयक सहजप्रीत सिंह मांगट, भारतीय चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. दीपक मनमोहन ने और प्रख्यात कवि तथा पंजाबी विरासत लोक अकादमी के अध्यक्ष गुरभजन सिंह गिल द्वारा किया जा रहा है।
इस बार सम्मेलन सूफीवाद पर होगा
इस बार सम्मेलन सूफीवाद पर होगा, जिसमें विभिन्न शोधपत्र पढ़े जाएंगे और चर्चाएं होंगी। प्रतिनिधिमंडल में साहित्य, कला, संस्कृति, पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ी प्रतिष्ठित हस्तियों के साथ-साथ पूर्व आईएएस, आईपीएस अधिकारी भी शामिल थे। इसमें अधिकारी, प्रोफेसर आदि शामिल हैं। सम्मेलन के दौरान गुरभजन सिंह गिल, सहजप्रीत सिंह मंगत, त्रैलोचन लोची और नवदीप सिंह गिल द्वारा गुरुमुखी के साथ-साथ शाहमुखी में प्रकाशित नई पुस्तकों का भी विमोचन किया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल में दर्शन सिंह बुट्टर, डॉ. सुखदेव सिरसा, काहन सिंह पन्नू, गुरप्रीत सिंह तूर, जंग बहादुर गोयल, अमृत कौर गिल, पम्मी बाई, डॉली गुलेरिया, सुनीता धीर आदि प्रमुख हस्तियां शामिल थीं। प्रतिनिधिमंडल लाहौर के साथ-साथ ननकाना साहिब, करतारपुर साहिब, गुजरांवाला और कसूर का भी दौरा करेगा।
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