कैलेंडर में अमृतसर जिले के तीन विरासत स्थलों पुल मोरां, टाउन हॉल और खालसा कॉलेज की विरासत इमारतों को दर्शाया गया
अमृतसर, 21 जनवरी: गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में कुलपति प्रो. करमजीत सिंह ने एडवोकेट एवं हेरिटेज प्रमोटर हरप्रीत संधू द्वारा तैयार सचित्र कैलेंडर एवं डॉक्यूमेंट्री “पंजाब दी विरासत दे ऐतिहासिक निशान चिन्ह” का विमोचन किया, जिसमें पंजाब की प्राचीन विरासत एवं ऐतिहासिक सुंदरता को खूबसूरती से दर्शाया गया है। कार्यक्रम के दौरान कुलपति प्रो. करमजीत सिंह ने हरप्रीत संधू द्वारा की गई इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह कार्य पंजाब की ऐतिहासिक विरासत को बढ़ावा देने तथा उनकी महत्ता को उजागर करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। उन्होंने हरप्रीत संधू को अमृतसर जिले की तीन महत्वपूर्ण विरासतें भेंट कीं – पूल मोरन, जो ऐतिहासिक और स्थापत्य कला की भव्यता का प्रतीक है, टाउन हॉल, जो विरासत का स्मारक है, तथा खालसा कॉलेज अमृतसर की 126 साल पुरानी इमारत, जो एक शानदार इमारत है। इंडो-सरसेनिक शैली का उदाहरण। इसे उजागर करने के लिए धन्यवाद किया ।
“पंजाब की ऐतिहासिक विरासत का खजाना”
प्रो करमजीत सिंह ने इस परियोजना को “पंजाब की ऐतिहासिक विरासत का खजाना” बताया तथा पंजाब के नागरिकों, विशेषकर युवा पीढ़ी को जोड़ने के प्रयास के रूप में इसके महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “हरप्रीत संधू का यह अनूठा प्रयास विरासत स्थलों का दस्तावेजीकरण करके पंजाब की सांस्कृतिक जड़ों के प्रति आदर और सम्मान पैदा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।” चित्रात्मक कैलेंडर और वृत्तचित्र को पंजाब के लोगों को अपने ऐतिहासिक खजाने का सम्मान करने और संरक्षित करने के लिए प्रेरित करने के साधन के रूप में देखा गया। इस कार्यक्रम में गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. करणजीत सिंह, डॉ. प्रीत महेंद्र सिंह बेदी, डीन, विभागाध्यक्ष और संकाय सदस्य उपस्थित थे।इसके बाद हरप्रीत सिंह संधू ने उक्त कैलेंडर डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी को भेंट किया, जिन्होंने हरप्रीत सिंह संधू की पहल की सराहना की।
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