पिछले वर्ष के मुकाबले भी 6 करोड कम, पिछले वर्ष के मुकाबले 4585 रिटर्न कम भरी गई
डिफॉल्टर को प्रॉपर्टी टैक्स विभाग के 112ए,112बी,138सी के तहत भारी भरकम नोटिस देने के बावजूद रिकवरी बहुत कम
अमृतसर,28मार्च (राजन गुप्ता): नगर निगम का हाउस/ प्रॉपर्टी टैक्स इस वित्त वर्ष के निर्धारित लक्ष्य से 19.60 करोड रुपए पीछे चल रहा है। अब तक विभाग को20.41 करोड रुपए टैक्स एकत्रित हुआ है। पिछले वर्ष के मुकाबले भी 6 करोड रुपये कम टैक्स आया है। इस वित्त वर्ष के मात्र 3 दिन ही शेष है। पिछले वित्त वर्ष में 48685 लोगो ने प्रॉपर्टी टैक्स रिटर्न भरी गई थी। इस वित्त वर्ष में अब तक 44100 लोगो ने प्रॉपर्टी टैक्स रिटर्न भरी गई है। इस तरह प्रॉपर्टी टैक्स 4585 रिटर्न कम भरी गई है। जबकि वर्ष2015-16 में मैप माय इंडिया एक सर्वे कंपनी द्वारा अमृतसर की प्रॉपर्टीयों का सर्वे दौरान 358286 प्रॉपर्टीयों की रिपोर्ट दी थी। इसके उपरांत अन्य सर्वे एजेंसियों द्वारा भी सर्वे कराया जा चुका है। इसके बावजूद प्रॉपर्टी टैक्स विभाग इस वित्त वर्ष में अब तक मात्र44100लोगो ने प्रॉपर्टी टैक्स रिटर्न तक पहुंच पाया है। पिछले कई दिनों से प्रॉपर्टी विभाग के नोडल अफसर सुपरिटेंडेंट तथा अन्य सुपरिटेंडेंटो द्वारा शहर की डिफाल्टर पार्टियों को प्रॉपर्टी टैक्स विभाग के 112ए,112बी,138सी के तहत स्कूर्टिनियों तथा प्रॉपर्टी सीलिंग के भारी भरकम नोटिस जारी किए गए। इसके बावजूद भी टैक्स बहुत ही कम आया है। जिन जिन डिफाल्टर पार्टियों को नोटिस जारी किए गए। उनमें से अधिकांश पार्टियों से टैक्स ना आना से विभागीय सुपरीटेंडेंट सवालों के घेरे में आते हैं

टैक्स कम आने का विभागीय अधिकारियों से लेखा जोखा मांगा : संदीप रिशी
नगर निगम के एडिशनल कमिश्नर संदीप रिशी ने कहा कि प्रॉपर्टी टैक्स कम आने का विभागीय अधिकारियों से लेखा-जोखा मांगा है। उन्होंने कहा कि विशेषकर स्क्रुटनी तथा प्रॉपर्टी सीलिंग करने के जितने भी नोटिस साइन करवा कर दिए गए हैं तथा जितने पहले भी और नोटिस जारी किए गए हैं। उन सभी नोटिसो की लिस्ट तथा नोटिस बुक उनके (एडीशनल कमिश्नर) कार्यालय में तुरंत पेश करने के लिए कहां गया है। एडिशनल कमिश्नर संदीप रिशी ने प्रॉपर्टी टैक्स विभाग के समूह सुपरिटेंडेंटो को आदेश जारी करके यह भी कहा गया है कि भविष्य में उनसे कोई भी सीलिंग तथा स्कूर्टनी के नोटिस साइन करवाने के लिए कवरिंग लेटर लगाकर जारी किए जा रहे नोटिसो की लिस्ट लगाकर ही साइन के लिए भेजे जाएं। ताकि सारा रिकॉर्ड सही ढंग से रखा जाए। इस तरह से नोटिस देने के उपरांत उन अधिकारियों की तरफ से की गई कार्रवाई यों का रिव्यू किया जाएगा।