अमृतसर,19 अक्टूबर:पंजाब के पानियों के मुद्दे को लेकर भगवंत मान सरकार की तरफ से बुलाया विधानसभा सत्र 20-21 नवंबर शुक्रवार से शुरू हो रहा है। वहीं,मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 1 नवंबर को पंजाब के मुद्दों पर ओपन बहस बुला रखी है। ऐसे में विपक्ष 1 नवंबर से पहले ही उन्हें विधानसभा सत्र में घेरने की प्लानिंग में जुट गई है। जिसके चलते पंजाब में सियासत अभी से गर्माना शुरू हो चुकी है। भगवंत मान सरकार का दावा है कि पंजाब विधानसभा का सेशन जरूरी विधानसभा कामकाज के मकसद से बुलाया गया है, पर कांग्रेस पंजाब के पानी के मुद्दे, एस वाई एल नहर और नशे के मुद्दे पर घेरने की प्लानिंग में है। विरोधी दल के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कांग्रेस विधायकों की आज एक बैठक बुला ली है। इस बैठक में दो दिन के विधानसभा सत्र में उठा जाने वाले मुद्दों, सरकार को घेरने वाले पॉइंट्स पर चर्चा होगी। इसके अलावा राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित की तरफ से बीते दिनों लिखे खत पर भी चर्चा की जाएगी। जिसमें उन्होंने आप द्वारा लिए गए कर्जे का मुद्दा उठाया था।
अकाली दल सत्र का कर चुकी विरोध
अकाली दल ने सत्र का पहले ही विरोध शुरू कर दिया है। अकाली दल ने राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित की तरफ से सैशन को अवैध करार दिए जाने के मुद्दे को उठा कर विरोध दर्ज किया है। लेकिन अकाली दल नेताओं का कहना है कि वे तैयारी के साथ ही इस सत्र में जाएंगे। ऐसे में ” आप ” के लिए ये सत्र आसान नहीं रहने वाला। विरोधी पार्टियों के सवालों के जवाब देना सत्ता पक्ष में बैठी पार्टी द्वारा देना आसान नहीं होगा।
पुराने बिल भी अभी नहीं हुए पास
राज्यपाल ने अमृतसर दौरे के दौरान साफ कह दिया था कि ये सदन उनकी मर्जी से नहीं बुलाया गया। वहीं अगले ही दिन उनके कार्यालय से जारी लैटर में भी सत्र को गलत करार दिया। स्पष्ट है कि इस सत्र में भी अगर कोई बिल पास होता है तो गवर्नर उसे स्विकृति नहीं देने वाले हैं। अभी तक बीते सत्र में पास किए गए बिल भी एक्ट नहीं बन पाए हैं, क्योंकि राज्यपाल की तरफ से उन पर अभी तक साइन नहीं किए हैं।
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