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नगर निगम के प्रॉपर्टी टैक्स, लैंड विभाग, सीवरेज व वाटर सप्लाई और लाइसेंस विभाग आमदनी से पिछड़ रहा

अमृतसर,18 अक्टूबर (राजन): नगर निगम के आमदनी के विभाग एक बार फिर से आमदनी में पिछड़ने शुरू हो गए हैं। निगम का प्रॉपर्टी टैक्स, लैंड और लाइसेंस विभाग बुरी तरह से पीछे चल  रहा है। मात्र निगम ने साल 2023-24 के वित्त वर्ष में 30 सितंबर तक प्रॉपर्टी टैक्स विभाग ने 27.68 करोड़ रुपये एकत्रित कर  तेजी से आमदनी हुई थी। इसका विशेष कारण यह था कि 30 सितंबर तक टैक्स जमा करवाने वालों को 10% रिबेट मिल रही थी। प्रॉपर्टी टैक्स भरने वालों ने इसका लाभ उठाया। प्रॉपर्टी टैक्स भरने वालों ने खुद ही यह टैक्स जमा करवा दिया। इसमें विभागीय अधिकारियों की कोई खास कारगुजारी नहीं थी।  एक अक्टूबर से प्रॉपर्टी टैक्स विभाग की लंबी चौड़ी फौज कुछ सुस्त हो चुकी है। इसके बावजूद अब तक विभाग को 46000 पी टी आर के  साथ  27.75  करोड रुपए ही टैक्स  एकत्रित हो पाया है।प्रॉपर्टी टैक्स विभाग का वार्षिक लक्ष्य 45 करोड रुपए हैँ। देखा जाए यह टेक्स कुछ भी नहीं है। जबकि पुराने मैप माय इंडिया के सर्वे के अनुसार शहर में 1.80 लाख  टैक्स भरने वाली प्रॉपर्टी है। नगर निगम का जी आई एस सर्वे अभी भी सिरे नहीं चल रहा है। जिससे नगर निगम को आने वाले आमदनी में  भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

सरकार की वन टाइम सेंट्रलमेंट को लेकर अधिकारी चुप्प

पंजाब सरकार के लोकल बॉडी विभाग ने प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर पिछले काफी दिनों से वन टाइम सेटलमेंट(ओ टी एस) स्कीम जारी की हुई है। जिसके तहत साल 2013 से लेकर 31 मार्च 2023 की डिफॉल्टर पार्टियों को राहत दी हुई है। ओटीएस स्कीम के तहत टैक्स जमा करवाने वालों को सारा जुर्माना और ब्याज माफ है। मात्र मूल टैक्स ही देना है। नगर निगम अमृतसर की डिफॉल्टर पार्टियों की संख्या बहुत अधिक है। विभाग ने भारी भरकम नोटिस भी जारी किए हुए हैं। इसके इलावा स्कूर्टनी केसों में भी टैक्स भरने वालों को बड़ी राहत मिल सकती है। इसके अलावा वन टाइम सेटलमेंट पुराने हाउस टैक्स डिफॉल्टर पार्टियों के केसों  पर भी है।इस पर प्रॉपर्टी टैक्स विभाग के अधिकारियों की लंबी चौड़ी टीम चुप्पी साधे हुए हैं। डिफॉल्टर पार्टियों और स्कूर्टनी केसो वालों को जागरुक कर बुलाया ही नहीं जा रहा कि नगर निगम ऑफिस में आए और वन टाइम सेटलमेंट के तहत टैक्स भरे।

लैंड, सीवरेज व वाटर सप्लाई और लाइसेंस विभाग फिस्सडी

नगर निगम का लैंड और लाइसेंस विभाग अपने निर्धारित लक्ष्य से बहुत ही पीछे चल रहा है। निगम के लैंड विभाग को बजट में निर्धारित लक्ष्य में सेल ऑफ़ प्रॉपर्टी का 20 करोड़ रूपया , किराया का 5 करोड़ रूपया  और तहबाजारी से 4 करोड़ रूपया रखी हुई है है।किंतु लैंड विभाग ने इस वित्त वर्ष में अब तक सेलऑफ़ प्रॉपर्टी मात्र 21 लाख रुपए, किराया से 44.24 लाख रुपए  और तहबाजारी से 15.52लाख रुपए एकत्रित हुए हैं। नगर निगम के सीवरेज और वाटर सप्लाई विभाग भी बहुत पीछे चल रहा है। विभाग का वार्षिक लक्ष्य 15 करोड़ रूपया है। जबकि विभाग द्वारा इस वित्त वर्ष में अब तक 5.42 करोड़ रूपया ही किया है।इसी तरह से निगम का लाइसेंस विभाग पूरी तरह से खामोश है। लाइसेंस विभाग ने अब तक लाइसेंस फीस 17.81लाख रुपए और कंजर्वेंसी फीस 57.52 लाख रुपए ही एकत्रित की है । जबकि विभाग का इस वित्त वर्ष का लक्ष्य  4 करोड़ रूपया है।जबकि विभाग को सहायक कमिश्नर, सैक्टरी, सुपरीटेंडेंटो , इंस्पेक्टरों , रिकवरी क्लर्को और अन्य स्टाफ की बड़ी-बड़ी  टीम मिली हुई है। वैसे तो निगम का एमटीपी और विज्ञापन विभाग भी अपने वार्षिक आमदनी के लक्ष्य से काफी पीछे चल रहा है।

पिछले 15 दिनों से सहायक कमिश्नर वधावन सम्मानित ही होते चले जा रहे हैं

सैक्टरी से तरक्की पाकर सहायक कमिश्नर बने विशाल वधावन पिछले 15 दिनों से शहर की अलग-अलग संस्थाओं,  व्यापारिक संगठनो, धार्मिक संगठन, अलग-अलग मोह्हलो के संगठनो से सम्मानित ही होते चले जा रहे हैं। तरक्की पाने के बाद 15 दिन तक उनके अपनी सरकारी कार्यलय, घर, संस्थाओं के दफ्तर में जाकर सम्मानित हो रहे हैं। तरक्की पाने के बाद अब तक केंद्र और पंजाब के किसी अधिकारियों को भी इतना सम्मान नहीं मिला होगा, जितना सम्मान विशाल वधावन ले रहे हैं। सोशल मीडिया पर प्रतिदिन सम्मान मिलने की फोटो और वीडियो डल रही है।

सहायक कमिश्नर विशाल वधावन को दिए गए विभाग

नगर निगम कमिश्नर राहुल द्वारा सहायक कमिश्नर विशाल वधावन को नगर निगम की बहुत बड़ी जिम्मेदारी सोंपी हुई है। वधावन को सीएफसी सेंटर, बर्थ एंड डेथ सर्टिफिकेट विभाग, लाइब्रेरी, गुरु नानक भवन, जनगणना, एस्टेट/लैंड विभाग,प्रॉपर्टी टैक्स, म्युनिसिपल प्रेस, लाइसेंस विभाग, मेडिकल बिल, एस्टेब्लिशमेंट विभाग, आरटीआई.केसेस, स्विमिंग पूल का चार्ज दिया है। इन विभागीयों अधिकारियों से पता चला है कि वधावन ने अब तक इन विभागों की कारगुजारी को भी नहीं देखा है।

क्या निगम कमिश्नर और ज्वाइंट कमिश्नर इसका लेंगे संज्ञान

क्या नगर निगम कमिश्नर राहुल और ज्वाइंट कमिश्नर हरदीप सिंह निगम की कम आ रही आमदनी का संज्ञान लेंगे ? निगम कमिश्नर को कार्यभार संभाले हुए दो महीना का अधिक समय हो गया है। जॉइंट कमिश्नर हरदीप सिंह पिछले लंबे अरसे से नगर निगम में कार्यरत है। निगम की आ रही  कम आमदनी को लेकर पिछले कई दिनों से अधिकारियों की मीटिंग नहीं ली गई है।

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